• Monday, 06 May 2024
किताब में साक्ष्य देखने के बाद बोले बिहार विधानसभा अध्यक्ष, बिहार केसरी का जन्म स्थान माउर और ननिहाल खनवां

किताब में साक्ष्य देखने के बाद बोले बिहार विधानसभा अध्यक्ष, बिहार केसरी का जन्म स्थान माउर और ननिहाल खनवां

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किताब में साक्ष्य देखने के बाद बोले बिहार विधानसभा अध्यक्ष, बिहार केसरी का जन्म स्थान माउर और ननिहाल खनवां

बरबीघा, शेखपुरा
जिले के बरबीघा के माउर गांव में बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा पहुंचे। बुधवार को वे उनके पैतृक घर भी गए। जन्मभूमि को नमन किया। आयोजित समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि बिहार केसरी ने सामाजिक न्याय की बड़ी लकीर खींची। उन्होंने दलितों को देवघर मंदिर में प्रवेश कराया। सामाजिक न्याय दिलाया। और आज भी हम उनके बताए रास्ते पर चल रहे हैं।
https://youtu.be/bPigmfTp7oQ
उन्होंने कहा कि जमींदारी उन्मूलन में बिहार केसरी के द्वारा किए गए कार्यों को आज भी बिहार नमन कर रहा है। समाज को जोड़ने का काम उन्होंने किया था। उन्होंने कहा कि बिहार केसरी की जमींदारी उन्मूलन में भूमिका तो महत्वपूर्ण थी ही इससे भी महत्वपूर्ण भूमिका उन्होंने आधुनिक बिहार के निर्माण में लगाया ।  बिहार के लिए किए गए उनके कामों को भुलाया नहीं जा सकता।
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बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री के जन्म स्थान को लेकर दुविधा होने पर स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा उन्हें बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री के बड़े भाई के द्वारा लिखित किताब दिखाया। जिसका अध्ययन करने के बाद उन्होंने कहा कि इनका जन्म स्थान बरबीघा के माउर गांव ही है। ननिहाल नवादा जिले के खनवां है। दोनों स्थल पूजनीय है। दोनों महत्वपूर्ण है। महापुरुषों के ननिहाल अथवा पैतृक गांव सभी का महत्व एक जैसा है।
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