• Friday, 09 May 2025
आखिरकार  जिंदगी से जंग हार गई नाला किनारे फेंकी गई नवजात बेटी

आखिरकार जिंदगी से जंग हार गई नाला किनारे फेंकी गई नवजात बेटी

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आखिरकार  जिंदगी से जंग हार गई नाला किनारे फेंकी गई नवजात बेटी 

 

श्रीनिवास/शेखपुरा

(लेखक बाल कल्याण समिति से जुड़े एक सामाजिक कार्यकर्ता है।)

शेखपुरा जिला के बरबीघा रेफरल  अस्पताल के पीछे झाड़ी में परित्यक्त नवजात शिशु अब इस धरती पर नहीं रही। बताते चले की जन्म लेने के साथ ही उसके जैविक माता-पिता ने उसका परित्याग कर दिया था और वह रात भर झाड़ी में रोती- कराहती रही तथा चींटी एवं कीट पतंग ने उसे लहू लहान कर दिया था। 

 

सुबह में स्थानीय लोगों ने उसके रोने की आवाज सुनी और उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। बाद में रेफरल अस्पताल से उसे एस एन सी यू वार्ड सदर हॉस्पिटल शेखपुरा में ट्रांसफर किया गया था। जानकारी मिलते ही जिला बाल संरक्षण इकाई शेखपुरा तथा बाल कल्याण समिति शेखपुरा  ने अपने संरक्षण में लेकर उसका इलाज प्रारंभ करवाया ,लेकिन बच्ची की स्थिति नाजुक थी लिहाजा सदर अस्पताल से उसे एनएमसीएच पटना रेफर कर दिया गया था।

 

 बाल संरक्षण इकाई के कर्मी बच्ची की सेवा में रात दिन लगे थे। बच्ची दो दिनों तक जीवन और मौत से लाइव सपोर्ट सिस्टम के सहारे  लड़ती रही।लेकिन बीती रात राजा की बेटी ने अंतिम सांस ले ली ।बच्ची के बारे में चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची प्री मेच्योर्ड डिलीवरी की थी और उसका वजन 700 ग्राम ही था।

 

       बताया जाता है कि जो कोई जैविक माता-पिता अपने बच्चों का परित्याग कर देते हैं उसे बाल संरक्षण इकाईअपने संरक्षण में लेकर एडॉप्शन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे बालगृह या फिर विशिष्ठ दत्तक ग्रहण संस्थान में रखते हैं ।चुकी बालिका नवजात थी तथा रात भर झाड़ी में फेंकी हुई पाई गई थी लिहाजा सबसे पहले उसकी जान बचाने के लिए उसका उत्तम इलाज करने की व्यवस्था जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा की गई थी लेकिन बच्ची इतनी कमजोर और अस्वस्थ हो गई थी कि उसकी जान नहीं बचाया जा सका। 

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इस बीच बच्ची की खबर सुनने के बाद शेखपुरा तथा आसपास के दर्जनों लोग उसे गोद लेने के लिए आगे आए थे  और फोन पर सम्पर्क कर रहे थे।लेकिन बच्ची अभी अस्वस्थ थीं तथा उसके लिए कोई कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई थी लिहाजा जो भी लोग गोद लेने के लिए उत्सुक हुए थे उन्हें कारा के वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करने की सलाह दी गई थी।इस बीच नवजात राजा की बेटी के नही रहने से बाल संरक्षण इकाई ,बाल कल्याण समिति और SAA के कर्मी काफी दुखी है।

 

फेसबुक से साभार

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