• Friday, 22 November 2024
खसरा-रूबेला रोग है बहुत ही खतरनाक, 15 को इससे लड़ने की है तैयारी, जानिए

खसरा-रूबेला रोग है बहुत ही खतरनाक, 15 को इससे लड़ने की है तैयारी, जानिए

DSKSITI - Small

शेखपुरा

शुक्रवार को जीविका के जिला कार्यालय में खसरा-रूबेला रोग के टीकाकरण विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें जिले के सभी जीविका कर्मियों को इन रोगों के लक्षण, बचाव एवं टीकाकरण के बारे में बतलाया गया।

इस कार्यशाला में जिले के डीआईओ डॉ के पुरुषोत्तम ने सबसे पहले इस टीकाकरण अभियान के बारे में बताया कि देश के चार राज्यों में यह अभियान चल रहा है जिसमें सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान शामिल हैं।

बिहार में यह अभियान 15 जनवरी 2019 से प्रारंभ की जा रही है जो पूरे एक माह तक चलेगा। पहले 2 हफ्तों तक यह टीकाकरण सभी विद्यालयों में दिया जाएगा उसके बाद तीसरे हफ्ते से यह सभी आंगनवाड़ी केंद्रों से दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि खसरा (मिजल्स) एक जानलेवा बीमारी है और बच्चों में अपंगता और मृत्यु के बड़े कारणों में से एक है। यह एक प्रकार का संक्रामक रोग है जो प्रभावित व्यक्ति के खांसने और छिंकने से फैलता है। तेज बुखार के साथ त्वचा पर लाल चकत्ते, खांसी, नाक का बहना और आंखों का लाल होना इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं।

गर्भ को नुकसान

रूबेला गर्भवती महिलाओं को बहुत प्रभावित करती है। गर्भावस्था के दौरान अगर यह बीमारी गर्भवती महिला को प्रभावित करती है तो भ्रूण और नवजात शिशुओं के लिए गंभीर और घातक साबित होता है जो बाद में ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, बहरापन, मस्तिष्क रोग और दिल की बीमारियों के रोग होने का खतरा होता है। गर्भवती स्त्रियों में रूबेला से गर्भपात, अकाल प्रसव और मृत प्रसव का भी खतरा होता है।

9 माह से 15 साल

डब्ल्यू.एच.ओ. के एस.एम.ओ. डॉ वाराप्रसाद ने बताया कि MR (मिजल्स रूबेला) का टीकाकरण 9 माह से 15 वर्ष तक के उम्र के बच्चों को दिलाना आवश्यक है। यह टीकाकरण अभियान रूटीन टीका लगने के बाद भी लगवाया जा सकता है।

DSKSITI - Large

कार्यशाला में परियोजना कर्मियों को जानकारी बांटती यूनिसेफ की डॉ प्रतिभा झा ने कहा कि समुदाय स्तर पर जीविका से जुड़ी दीदियों को इस अभियान के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। वे अपने बच्चों को इस अभियान के दौरान यह टीकाकरण अवश्य करवाएं।

इस कार्यशाला में उपस्थित कर्मियों को जीविका की जिला परियोजना प्रबंधक अनीशा ने बताया कि खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान के दौरान जीविका की सामुदायिक उत्प्रेरक बहनों का यह मुख्य कार्य होगा कि सभी घर-परिवार के बच्चों को यह टीकाकरण अवश्य लग जाए जिससे कोई भी अछूता ना रहे।

उन्होंने बताया कि, जिस प्रकार से देश को पोलियो मुक्त किया गया है ठीक उसी प्रकार से हम सबका यह सामाजिक दायित्व है कि इस देश से हम सब मिलकर मिजल्स रूबेला को भी दूर भगाएं। इस अभियान में ग्रामीण स्तर पर जहां जागरूकता रैली का आयोजन कर ग्रामीणों को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा वहीं समूहों की बैठकों में इस विषय पर विस्तृत चर्चा करके महिलाओं को इस टीकाकरण के लिए प्रेरित भी किया जाएगा ताकि वे अपने बच्चों को यह टीका अवश्य लगवाएं।

इस कार्यशाला के पश्चात सामुदायिक खरीदारी एवं खरीदारी प्रक्रिया पर सभी कर्मियों का उन्मुखीकरण खरीदारी प्रबंधक आनंद शंकर के द्वारा किया गया।

इस कार्यशाला में जीविका के जिला प्रबंधक निरंजन, आनंद, अमरजीत, रवि केशरी, अविनाश, आमोद, अनिल, संजीव, बी.पी.एम. सर्वेश, धर्मेंद्र, प्रकाश, पंकज, आजाद एवं किशोर के अलावा सभी प्रखंड के क्षेत्रीय समन्वयक एवं सामुदायिक समन्वयक उपस्थित थे।

new

SRL

adarsh school

st marry school

Share News with your Friends

Tags

rog

Comment / Reply From