नवजात शिशु के देखभाल को लेकर कार्यशाला आयोजित
शेखपुरा।
जन्म के शुरुआती समय को शिशु का गोल्डन पीरियड कहा गया है। इस समय के पहले दो तीन मिनट नवजात के लिए बहुत ही उपयोगी है। इस समय उसके देखभाल की बहुत ही आवश्यकता है।
जन्म जात शिशु के उचित देखभाल को लेकर सोमवार को डाक्टरों की एक कार्यशाला आयोजित की गयी। सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में जिले भर के 32 डाक्टरों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का उद्धाटन सिविल सर्जन डा एमपी सिंह ने किया। उन्होंने इस अवसर पर सभी डाक्टरों को शिशु जन्म मृत्यु दर कम करने के लिए इन उपायों को अपनाने की सलाह दी। सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के डाक्टरों को प्रशिक्षित करने के लिया यहाँ से चार डाक्टरों को प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पटना भेजा गया था। पटना से दक्ष होकर लौटे डा नूर फातिमा, डा रंजित रावत, डा आरके नारायण आदि ने सभी डाक्टरों को शिशु के गोल्डन पीरियड में करने और नही करने योग्य बातो की बिन्दुवार जानकरी दी। कार्यशाला में बताया गया कि जन्म के समय बच्चो को ने जटिलता के साथ साथ प्रथम साँस की कठिनाई सामने आती है।.
थोड़ी सी सावधानी से डाक्टर बच्चो के इस समस्या को दूर कर उसके बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सकता है. प्रशिक्षण में उपस्थित डाक्टरों को इसके अलावे और कई छोटी छोटी बातो का ध्यान जन्म के समय देने के गुड बताये गए। जन्म के समय इन छोटी छोटी सावधानी के बड़े बड़े लाभ की जानकारी दी गयी।
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