• Friday, 03 May 2024
गांधी जी के पुण्यतिथि पर कुष्ठ रोगियों का हुआ सम्मान, देखिए

गांधी जी के पुण्यतिथि पर कुष्ठ रोगियों का हुआ सम्मान, देखिए

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गांधी जी के पुण्यतिथि पर कुष्ठ रोगियों का हुआ सम्मान, देखिए

शेखपुरा।

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि और कुष्ठ उन्मूलन दिवस की पूर्व संध्या पर जिला कुष्ठ उन्मूलन निवारण समिति और रेड क्रॉस के सहयोग से कुष्ठ पीड़ित व्यक्तियों के बीच सहाय उपकरणों का वितरण किया गया। सदर अस्पताल में आयोजित कुष्ठ मेला के अवसर पर 36 कुष्ठ रोगियों को कंबल, चप्पल और सेल्फ किट दिया गया।

इन लोगों को कोरोना महामारी के काल में दो-दो साबुन और मास्क भी दिए गए। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामविलास शर्मा के साथ साथ इस अवसर पर पूर्व सिविल सर्जन डॉ एमपी सिंह, पूर्व सी एस डॉक्टर कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह रेड क्रॉस के सचिव डॉ रामाश्रय प्रसाद सिंह सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक और रेड क्रॉस के पदाधिकारी गण मौजूद थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुण्यतिथि को कुष्ठ निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे लेकर इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसके तहत 13 फरवरी तक विभिन्न प्रकार के जागरूकता संबंधी कार्यक्रम जारी रहेंगे । इस संबंध में जानकारी देते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि जिले में अभी कुल 83 कुष्ठ रोगियों का इलाज चल रहा है जिले में 253 कुष्ठ रोगियों की दिव्यांग का पहचान पत्र बना कर उन्हें प्रतिमाह पंद्रह सौ रुपए की सरकारी सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है।

इसमें से 26 कुष्ठ ग्रसित व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। जिले में कुष्ठ संक्रमण का दर मानक से कम होना शुरू हो गया है ।उन्होंने बताया कि जिले में उसके दोनों प्रकार के 78 रोगियों की पहचान की गई है। जिनका समुचित इलाज किया जा रहा है। उन्हें दवा के साथ-साथ अन्य उपकरण और सरकारी मदद पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है ।इन सभी गलित कुष्ठ पीड़ित रोगियों को विशेष प्रकार की चप्पल भी दिए जाते हैं। इस प्रकार के यहां 239 जोड़ी चप्पल अभी तक वितरित किया गया है। इस अवसर पर लोगों से कुष्ठ रोगी के प्रति भेदभाव नहीं बरतने की अपील की गई है।साथ ही उपस्थित लोगों ने इस तरह के रोगियों के साथ छुआ छूत न करने का संकल्प लिया। इलाज के बाद यह पूरी तरह ठीक हो जाने वाली बीमारी है।

हालांकि कई मामलों में शरीर पर कुछ दाग रह जाते हैं ।लेकिन यह संक्रमित नहीं होता है लोगों को इन सभी तथ्यों से अवगत कराते हुए उन्हें कुछ लोगों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की अपील की गई है। यह बीमारी लाइलाज नहीं है। इसका इलाज संभव है जिसे स्वास्थ विभाग द्वारा सभी रोगियों की खोज कर इलाज उपलब्ध कराई जा रही है।

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