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                जहरीली शराब से मरने के बाद हरकत में प्रशासन, होम्योपैथिक और रावा दुकान पर छापा
शेखपुरा
बिहार के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से कई लोगों के मरने की खबर के बाद बिहार सरकार हरकत में है और सभी जिले में जहरीली शराब से संबंधित दुकानों पर छापेमारी का अभियान चलाया जा रहा है । साथ ही साथ है जहां जहरीली शराब का निर्माण होता है उन ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। हालांकि इस छापेमारी में कोई ठोस पहल सामने नहीं आया ।

छापेमारी का नेतृत्व अनुमंडल पदाधिकारी निशांत के द्वारा किया गया । इस संबंध में मिली सूचना में बताया गया कि रविवार और सोमवार को अनुमंडल पदाधिकारी निशांत के नेतृत्व में बरबीघा शेखपुरा नगर परिषद क्षेत्र के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। जिसमें देसी शराब बनाकर बेचने वाले के ठिकाने पर भी यह छापेमारी हुई। वहीं होम्योपैथिक दुकान और मीठा रावा बेचने वाले के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई।
बड़े पैमाने पर मीठा रावा बेचने का कारोबार
बता दें कि जिले में बड़े पैमाने पर मीठा रावा बेचने का कारोबार किया जा रहा है। इसी कारोबार के माध्यम से बड़ी संख्या में देसी शराब इससे बनता है। और उसकी बिक्री होती है। इसकी बिक्री को लेकर मीठा रावा बड़े शराब के निर्माता के ठिकाने तक पहुंचाया जाता है। बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र शेखपुरा नगर परिषद क्षेत्र में मीठा रावा बनाकर देसी शराब माफिया तक पहुंचाने का नेटवर्क बढ़ा है और मैनेज करके यह नेटवर्क चल रहा है। बिहार शरीफ से भी इस नेटवर्क का संचालन होता है। हल्ला हंगामा होने के बाद इस नेटवर्क पर छापेमारी की औपचारिकता होती है परंतु मूल  प्रहार नहीं होता है। इसी नेटवर्क का लाभ से देसी शराब माफिया देसी शराब बनाते हैं और इससे कई लोगों की मौत हो जा रही है। देसी शराब के ठिकाने पर इसे पहुंचाया जाता है और देसी शराब की बिक्री होती है।
                                                        
                                
                                     
                                
                                
                                                देसी शराब के बड़े अड्डे पर नहीं हो रहा बंद काराेबार
जिले के कई जगहों पर देसी शराब बनाने का बड़ा अड्डा है। इसमें नगर मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर मुरारपुर का देसी शराब अड्डा कुख्यात है। यहां नदी के किनारे भारी संख्या में देसी शराब बनाने और बेचने का कारोबार होता है। यहां के कई लोगों को पकड़ा के भी गया और जेल ही भेजा गया परंतु यह कारोबार बंद नहीं हो रहा। जबकि बरबीघा थाना से कुछ ही दूरी पर नारायणपुर में भी भारी संख्या में देसी शराब बनाकर थोक भाव में बेचा जाता है। यहां भी लगातार पुलिस की कार्रवाई होती है ज्यादातर कार्रवाई की भनक पहले ही   लग जाती है और सभी भाग खड़े होते हैं। फिर सांप के बिल में घुस जाने के बाद लाठी पीटने जैसा काम छापेमारी के माध्यम से होता है।

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