
आईपीएल सट्टेबाजी का शहर शहर है जाल, पुलिस अनभिज्ञ

शेखपुरा
सभी जगह क्रिकेट सट्टेबाजी का खेल हो रहा है।
क्या है सट्टेबाजी का पूरा मामला
दरअसल क्रिकेट सट्टेबाजी आईपीएल खेल से जुड़ा हुआ एक प्रकार का जुआ है। आईपीएल खेल शाम में शुरू होते ही मजबूत टीम और कमजोर पर सट्टेबाजी लगाई जाती है। कमजोर टीम के जीतने पर जब सट्टा लगाया जाता है तो एक का दस जीतने वाले को दिया जाता है। अर्थात सौ लगाने वाले को एक हजार तक सट्टेबाज देते हैं। इस खेल में ज्यादातर बच्चे हार ही जाते हैं।
प्रत्येक गेंद और प्रत्येक ओवर में सट्टेबाजी
सट्टेबाजी का यह खेल केवल टीम के हार और जीत पर निर्भर नहीं है बल्कि प्रत्येक ओवर और प्रत्येक गेंद के हिसाब से सट्टेबाजी होती है। सट्टेबाजी खेलने वाले बच्चे और किशोर किस ओवर में कितना रन बनेगा। इस ओवर में विकेट गिरेगा अथवा नहीं। इस ओवर में छक्का तो नहीं लगेगा। इस तरह के सट्टे में भी अपना पैसा लगाते हैं और हार और जीत का खेल होता है।
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चेन्नई टीम पर सबसे अधिक सट्टा
चेन्नई टीम के जीत को लेकर सट्टेबाजी करने वाले लोग अधिक पैसा लगाते हैं। चेन्नई टीम पर पैसा लगाने वाले को कम सट्टेबाजी का लाभ दिया जाता है। यहां एक का दो ही रिटर्न किया जाता है। सौ लगाने वाले को दो सौ दिए जाते हैं। इसी तरह से सट्टेबाजों के नजर में टॉप तीन टीम में चेन्नई, दिल्ली और हैदराबाद शामिल है।
इसी तरह से रॉयल चैलेंज बेंगलुरु अथवा राजस्थान की टीम पर एक का पांच अथवा एक का दस सट्टा लगाया जाता है और इस पर बहुत कम लोग सट्टा लगाते हैं।
घर से पैसे चोरी कर सट्टेबाजी
दस वर्ष के बच्चे अथवा 25 वर्ष के युवा घर में माँ-बाप के पैसे चुराकर सट्टा में लगा रहे हैं। ऐसा करने में 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक हार चुके हैं। बाद में बसूली के दौरान बच्चों के साथ मारपीट भी की जा रही है।
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कर्ज देने वाले अड्डे पर ही रहते हैं।

सट्टेबाजी के खेल में कर्ज देने वाले भी बड़ी आसानी से कर्ज उपलब्ध करा देते हैं। सूत्र बताते हैं कि सट्टेबाजी के अड्डा पर पैसा लेकर कई लोग खड़े रहते हैं और युवाओं और बच्चों को 10 रुपए प्रति सैकड़ा के हिसाब से पैसा देते हैं। हार जाने पर घर पर चढ़कर परिवार के लोगों के साथ गाली-गलौज कर पैसे की वसूली होती है।
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व्हाट्सएप ग्रुप से संचालित होता है सट्टेबाजी का धंधा
सट्टेबाजी का पूरा धंधा व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से संचालित होता है। सट्टेबाजी कराने वाले माफिया व्हाट्सएप ग्रुप बना लिए हैं और वहां सट्टेबाजी खेलने वाले बच्चे और युवा बोली लगाते हैं और उसके हिसाब से उनको पैसा दिया जाता है। साथ ही साथ मोबाइल कॉल करके भी सकते में पैसा लगाया जाता है।
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किशोर ने की थी आत्महत्या
दो साल पूर्व बरबीघा के फैजाबाद मोहल्ले में सट्टेबाजी में 50 हजार हारने के बाद कर्ज वसूली करने वाले सट्टेबाज माफिया के डर से किशोर ने आत्महत्या कर ली थी। हालांकि पुलिस तक मामला नहीं पहुंचा और मामले को रफा-दफा कर दिया गया। पिछले कुछ दिनों से कई मोहल्लों में सट्टेबाजी के पैसे वसूली को लेकर मारपीट की खबरें भी आ रहे हैं। बताया जाता है कि सट्टेबाजी में पैसा हारने पर नहीं देने वाले को घेरकर सट्टेबाज माफिया जमकर धुनाई कर पैसा वसूलते हैं और मोबाइल इत्यादि भी छीन लेते हैं।
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कहां कहां सट्टेबाजी
सट्टेबाजी का खेल शेखपुरा नगर परिषद क्षेत्र के लालबाग मोहल्ले में सर्वाधिक रूप से देखा जाता है। इसी तरह से कटरा पर सब्जी मंडी के इर्द-गिर्द भी बड़ी संख्या में किशोर और युवा इस धंधे में शामिल देखे जाते हैं और सट्टेबाज के संचालक यहीं पर लेन-देन का काम करते हैं।
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