• Saturday, 23 November 2024
बाल अपराधी को नहीं लगानी है हथकड़ी, और पुलिस वाले भी बर्दी में नहीं रहेंगे

बाल अपराधी को नहीं लगानी है हथकड़ी, और पुलिस वाले भी बर्दी में नहीं रहेंगे

DSKSITI - Small

शेखपुरा

जिले के विभिन्न थानों में पदस्थापित बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 का प्रशिक्षण दिया गया।प्रशिक्षण जिला बाल संरक्षण इकाई एबम समाज कल्याण निदेशालय के अधिकारियों के द्वारा दी गयी।प्रशिक्षण में विभिन्न थाना के थाना प्रभारियों एबम बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को जे जे एक्ट की बारीकियों को बताया गया तथा बताया गया कि बच्चे जन्म से अपराधी नही होते है बल्कि समाज और परिस्थिति की वजह से वह बिधि का उलंघन के एक्ट के दायरे में आ जाते है ।

प्रशिक्षण में बताया गया कि बिहार में कुल आबादी के लगभग 46 प्रतिशत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का है तथा बिहार के विभिन्न जिलों में लगभग 21 हज़ार 500 केस दर्ज है। प्रशिक्षण में बाल मजदूरी,बाल विवाह,भिक्षा वृति पर रोकथाम के कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी गयी।

प्रशिक्षण में बताया गया कि चाइल्ड लेबर पकड़े जाने पर जे जे एक्ट के सेक्सन 79 के तहत मुकदमा दर्ज हो ।
पुलिस अधिकारियों को बताया गया कि छोटे मोटे मामले जिनमें 3 वर्ष से कम सजा का प्रावधान है उसमें अगर सिर्फ बच्चा ही आरोपी है तो उसमें एफ आई आर न दर्ज कर सिर्फ डायरी में केस इंट्री करना है और प्रारूप एक क फार्म भरकर किशोर न्याय परिषद में रिपोर्ट पेश करना है ।

विधि बिरुद्ध बालक को हथकड़ी नहीं लगाना गई ।पुलिस को बच्चे को निरुद्ध करने के वक्त या न्यायालय में उपस्थापित करने वक्त सादे बर्दी में रहना है । प्रशिक्षण में जानकारी देते हुए समाज कल्याण विभाग के परामर्श शाहिद जावेद तथा मो शैफ ने बताया कि बच्चों को मूल चार अधिकार जिसमे जीने का अधिकार,बिकास का अधिकार, संरक्षण का अधिकार तथा सहभागिता का अधिकार की रक्षा पर ही जे जे एक्ट आधारित है।

DSKSITI - Large

प्रशिक्षण में बताया गया कि लैंगिक अपराध पीड़ित बच्चे के मामले में पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हो तथा समय सीमा के तहत अनुसंधान पूरा करें। प्रशिक्षण में सहायक निदेशक डॉ अर्चना कुमारी,सामाजिक कार्यकर्ता श्री निवास,एल पी ओ चंदन कुमार ने भी एक्ट के प्रावधानों के तहत काम करने की जानकारी दी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास ने बताया कि आगे भी इस तरह का प्रशिक्षण जिले के विशेष किशोर पुलिस इकाई को दिया जायेगा ताकि पुलिस विभाग बच्चों के प्रति संबेदनशील बन सके

।चाइल्ड फ्रेंडली पुलिसिंग पर भी बल दिया गया ।कार्यक्रम के समापन में किशोर न्याय परिषद के प्रधान मजिस्ट्रेट राधेश्याम ने बताया कि बच्चे थाना और न्यायालय तक नही पहुंच सके इसके लिए बाल संरक्षण से जुड़े तमाम स्टेक होल्डरों को काम करना होगा। इस दौरान पुलिस अधिकरियो द्वारा बिचार दिया गया कि बच्चे के अभिभावक को ज्यादा से ज्यादा परामर्श दिया जाय।

new

SRL

adarsh school

st marry school

Share News with your Friends

Tags

Comment / Reply From