
पत्नी ने कोर्ट में शिकायत की तो प्रत्येक माह खर्च देने का आदेश

शेखपुरा
प्रधान न्यायाधीश विजय बहादुर यादव ने अलग-अलग दो मामले में पीड़ित पत्नी को भरण-पोषण के लिए शुक्रवार को निर्णय सुनाया।
निर्णय में नूतन देवी को पन्द्रह हजार रुपये प्रति माह वहीं पुष्पा वर्मा को दस हजार रुपये प्रति माह दोनों के पति के द्वारा दिया जाना है।
अधिवक्ता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि माफो निवासी विमल देव प्रसाद सिंह की पुत्री नूतन देवी की शादी हलसी के घोंघसा निवासी श्यामली सिंह के पुत्र राजेश कुमार के साथ 2009 को हिंदू रीति रिवाज से हुई थी।
पति राजेश कुमार सीआरपीएफ त्रिपुरा में कांस्टेबल पद पर पदस्थापित है। पति के द्वारा पत्नी को भरण पोषण नहीं दिया जाता था और मानसिक प्रताड़ना भी किया जाता था। तब आवेदिका वर्ष 2017 में परिवार न्यायालय में भरण पोषण का मुकदमा दर्ज किया। उसी मुकदमे में प्रधान न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनते हुए शुक्रवार को भरण पोषण के लिए पंद्रह हजार रुपया प्रतिमाह देने का आदेश दिया।
वहीं दूसरा मामला शेखपुरा के चकदीवान निवासी स्वर्गीय सरयुग प्रसाद की पुत्री पुष्पा वर्मा का है। उसकी शादी लखीसराय के जयनगर बड़ी कावड़िया मोहल्ला निवासी भोला वर्मा के पुत्र पप्पू कुमार वर्मा के साथ 2013 को हिंदू रीति रिवाज से हुई थी।
शादी के बाद पुष्पा वर्मा को दो बच्चे भी हैं। उसके द्वारा वर्ष 2017 में परिवार न्यायालय में भरण पोषण का मुकदमा दर्ज किया गया। उस मुकदमे में प्रधान न्यायाधीश ने आवेदिका के लिए छ: हजार रुपये प्रतिमाह और दोनों बच्चे के लिए चार हजार रुपये प्रतिमाह पति के द्वारा देने का आदेश दिया।
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