• Tuesday, 07 May 2024
Exclusive: पढ़िए एक मार्मिक रिपोर्ट, कैसे बिहार क्रिकेट एशोसिएशन एक क्रिकेटर का गला घोंट रहा..

Exclusive: पढ़िए एक मार्मिक रिपोर्ट, कैसे बिहार क्रिकेट एशोसिएशन एक क्रिकेटर का गला घोंट रहा..

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शेखपुरा/शंकर सुमन

देश के तीसरे सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य बिहार खेल और खिलाड़ी के मामले में फिसड्डी रहा है क्योंकि इस पर भी राजनीति हावी रही है। क्रिकेट सहित तमाम खेलों से यहाँ के खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान नहीं बना पाते क्योंकि सिस्टम उन्हें सपोर्ट नहीं करता है। ये बातें मैं यूँ ही नहीं कह रहा हूँ बल्कि इसके पीछे ठोस आधार है।

आज हम एक ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी की बात करेंगे जो खेल प्रशासक के भ्रष्टाचार का शिकार होकर घर बैठने पर मजबूर है। बिहार के शेखपुरा जिले का क्रिकेट खिलाड़ी फास्ट बालर मोहम्मद अशरफउद्दीन रूस्तम कभी देश के सफलतम कप्तान सौरभ गांगुली को बालिंग करता था। जब सौरभ गांगुली ख़राब दौर से गुज़र रहे थे तो उन्हें वापस फार्म में आने के लिए ये खिलाड़ी बालिंग करता था।

लेकिन आज सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण कहीं का नहीं रहा। आपको बता दें कि मोहम्मद अशरफ पश्चिम बंगाल की तरफ से खेलते हुए सीके नायडू ट्राफी में 10 मैच में कुल 56 विकेट ले चुका है। साल 2014-2015 के लिए पश्चिम बंगाल के रणजी टीम के स्कवार्ड में भी शामिल रहा। लगातार छ: साल तक रणजी ट्राफी के लिए पश्चिम बंगाल टीम में प्रोबेबल खिलाड़ी के तौर पर शामिल रहा। इस बीच में क्लब क्रिकेट में विराट कोहली , बालाजी , मनीष पांडेय जैसे अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ भी खेला और विकेट चटकाए । इंडो बांग्लादेश चैरिटेबल मैच में ढाका जाकर भी खेल चुका है।


अब सवाल उठता है कि इस स्तर पर क्रिकेट खेल चुका अशरफ सिस्टम का शिकार कैसे हुआ ? दरअसल शेखपुरा से जिला स्तर पर क्रिकेट खेल चुके अशरफ को जब बिहार में मौका नहीं मिला तो पश्चिम बंगाल की तरफ से खेलने लगा , सबकुछ ठीक चल रहा था। तभी अशरफ को बिहार क्रिकेट एशोसिएशन का एक प्रस्ताव मिला और कहा गया कि आप पश्चिम बंगाल से NOC लेकर आ जाओ , बिहार रणजी टीम में खेलना है। अशरफ ने ऐसा ही किया। लेकिन अशरफ के NOC लाकर देने के बाद बिहार क्रिकेट एशोसिएशन का रवैया बदल गया। पहले तो उसे गेस्ट प्लेयर के लिस्ट में डाल दिया गया फिर फिटनेस का हवाला देकर खिलाने से मना कर दिया।


पीड़ित खिलाड़ी का आरोप है कि जिला स्तरीय क्रिकेट एशोसिएशन के पदाधिकारियों और बिहार क्रिकेट एशोसिएशन की मिली भगत से उसे खेलने नहीं दिया गया। आरोप ये भी है कि एशोसिएशन ने पैसे लेकर उसकी जगह पर गोरखपुर के किसी खिलाड़ी को वर्तमान सत्र में खिला रहे हैं। जबकि वो खेलने के लिए हर तरह से फिट है।। अशरफ की ख़्वाहिश है कि वो शेखपुरा और बिहार के साथ साथ देश का भी नाम रौशन करे , ये तभी संभव है जब उसे खेलने का मौका मिलेगा।


इस बारे में मेरी बात बिहार क्रिकेट एशोसिएशन के सचिव रवि शंकर जी से हुई , जब पूछा कि अशरफ को क्यों नहीं खिलाया जा रहा है तो सेलेक्टर पर बात ठोपकर पल्ला झाड़ लिया। मैंने इस बारे में बीसीसीआई के अधिकारियों को भी मेल किया। सभी पत्रकार साथियों से गुज़ारिश है कि इस मामले में मदद करें , खासकर स्थानीय पत्रकार साथी।।
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धन्यवाद.

शंकर सुमन के फेसबुक वाल से साभार.

https://www.facebook.com/shankarsuman.bamshankar 

ये  शेखपुरा जिला के निवासी है और कई मिडिया हॉउस में कार्य कर चुके है.

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