दूधमुंहा बेटा को छोड़ प्रेमी के साथ फरार हुई महिला की बरामदगी की क्या है कहानी
- दूधमुंहा बेटा को छोड़ प्रेमी के साथ फरार हुई महिला की बरामदगी की क्या है कहानी
- शादीशुदा महिला के अपहरण की बात कही गई थी
- महिला दो बच्चों की मां है।
- युवक पर अपहरण का आरोप लगा था उसकी गिरफ्तारी अभी नहीं
बरबीघा, शेखपुरा:
बरबीघा नगर क्षेत्र से अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें बताया गया था कि एक शादीशुदा महिला का अपहरण कर लिया गया है। दूध पीते बच्चे को छोड़ दिया गया है। इसी अपहरण की कहानी में प्रेम प्रसंग का मामला जुड़ गया है। दरअसल यह पूरा मामला बरबीघा नगर परिषद के कोइरीबीघा से जुड़ा हुआ है। यहां अपने मायके आई एक शादीशुदा महिला के अपहरण की बात कही गई थी। जिसमें बरबीघा थाना में 14 मई को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसी दर्ज कराई गई प्राथमिकी में पुलिस को बड़ी सफलता मिली और महिला को बरामद कर लिया गया है।
प्रेम प्रसंग का निकला है पूरा मामला
दरअसल यह पूरा मामला प्रेम प्रसंग का निकला है। महिला की शादी नालंदा जिले के धोबीबीघा में की गई थी। वही नालंदा जिले के बिहार शरीफ मुख्यालय के सोहसराय थाना क्षेत्र के सलेमपुर निवासी राजेश प्रसाद के पुत्र आलोक कुमार के ऊपर लड़की को अगवा करने का आरोप लगा था। इस मामले में पुलिस ने जब महिला को बरामद किया तो मामला प्रेम प्रसंग का निकला है। महिला अपने ससुराल से जब अपने मायका आई तो यहां से अपने प्रेमी के साथ अपने दो छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर फरार हो गई । महिला दो बच्चों की मां है। महिला की बड़ी बेटी 3 साल की है जबकि छोटा पुत्र मात्र डेढ़ साल का है। वह अभी दूध पी रहा है। उसे भी छोड़कर महिला गायब हो गई थी। मामला अपहरण का दर्ज कराया गया था। परंतु यह मामला प्रेम प्रसंग का निकला है। महिला को बयान दर्ज कराने के लिए शेखपुरा कोर्ट में दिया गया है। इस मामले में जिस युवक पर अपहरण का आरोप लगा था उसकी गिरफ्तारी हो गयी है। बताया जा रहा है कि लड़की ने खुद प्रेमी को कॉल करके बुलाया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के कहने पर ही लड़की ने लड़के को बुलाया और पुलिस ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया।
बच्चों का इलाज कराते कराते कम्पाउंडर को दिल दे बैठी मां
दरअसल यह पूरा मामला बच्चों के इलाज कराते कराते एक कम्पाउंडर को दिल दे देने का मामला है। इस संबंध में लड़की के पिता के द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि शादी के नियत से उनकी पुत्री को बहला-फुसलाकर भगाया गया है। उसमें यह भी कहा गया है कि बिहार शरीफ में शिशु अरोग्य निकेतन, भैंसासुर में कम्पाउंडर का काम करने वाला आलोक मेरी पुत्री को इलाज के दौरान संपर्क में आया। दरअसल वहां महिला इलाज कराने के लिए अपने बच्चों का जाती थी। इसी दौरान कम्पाउंडर से संपर्क में आई और वहां उसको दिल दे बैठी। फिर वह कहानी बदल गया और अपने बच्चों को ही छोड़कर एक मां फरार हो गई जिसे पुलिस ने बरामद किया है।
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