शेखपुरा में आंगनबाड़ी बहिष्कार का अनोखा मामला, क्यों ऐसा कर रहे ग्रामीण
शेखपुरा में आंगनबाड़ी बहिष्कार का अनोखा मामला, क्यों ऐसा कर रहे ग्रामीण
शेखपुरा।
विधान सभा चुनाव के बाद उपजे असंतोष का असर अब गांव के बच्चों की पढ़ाई और पोषण पर पड़ रहा है। अरियरी प्रखंड के हुसैनाबाद पंचायत स्थित पंधर आंगनबाड़ी केंद्र में पिछले दो सप्ताह से ग्रामीणों ने सामूहिक बहिष्कार कर रखा है। ग्रामीणों ने वोट नहीं देने वालों को जवाब देने के नाम पर केंद्र का संचालन ठप कर दिया है और बच्चे केंद्र में भेजना बंद कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, गांव की महिला सेविका रंजू देवी और सहायिका सुनीता देवी पिछले 15 दिनों से घर-घर जाकर अभिभावकों से बच्चों को भेजने की अपील कर रही हैं, लेकिन ग्रामीण सुनने को तैयार नहीं हैं। सहायिका सुनीता देवी ने बताया कि 6 नवंबर को मतदान के अगले दिन बच्चे आए थे, लेकिन उसके बाद से एक भी बच्चा केंद्र नहीं आ रहा। उनका कहना है कि वे रोज 10 बजे से 2 बजे तक केंद्र में बैठकर बच्चों का इंतजार करती हैं, पर स्थिति जस की तस बनी हुई है।
ग्रामीणों से बात करने पर उन्होंने साफ कहा कि जब गांव के अन्य लोग अपने बच्चों को भेजेंगे तभी वे भी भेजेंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव के दौरान नेता गांव में नहीं आते, इसलिए उन्होंने भी अपने तरीके से विरोध दर्ज कराया है।
क्यों भड़का विरोध?
गांव की जर्जर सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने 6 नवंबर को हुई मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार कर दिया था। प्रशासन के समझाने पर मतदान तो हुआ, लेकिन केवल 17 वोट पड़े, जिनमें सेविका और सहायिका भी शामिल थीं। इसी बात से नाराज़ गांव वाले अब आंगनबाड़ी केंद्र को निशाने पर ले रहे हैं। ग्रामीण सुरेश प्रसाद ने बताया कि मतदान के दिन सेविका के पति एक प्रत्याशी के मतदान अभिकर्ता थे और उसी शाम उनका विवाद भी हो गया था, जिसके बाद लोग केंद्र का विरोध कर रहे हैं।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमारी पूनम ने बताया कि इस स्थिति की आधिकारिक सूचना अब मीडिया के माध्यम से मिली है और मामले में कार्रवाई की जा रही है।
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