• Saturday, 28 June 2025
पोखर से मिली प्राचीन उमा महेश्वर की प्रतिमा, ग्रामीणों में उत्साह और आस्था

पोखर से मिली प्राचीन उमा महेश्वर की प्रतिमा, ग्रामीणों में उत्साह और आस्था

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पोखर से मिली प्राचीन उमा महेश्वर की प्रतिमा, ग्रामीणों में उत्साह और आस्था

शेखपुरा।

जिले के सदर प्रखंड स्थित वर्मा गांव में शनिवार को मिट्टी की खुदाई के दौरान एक प्राचीन दिव्य प्रतिमा प्राप्त हुई। यह खुदाई एक छोटे से पोखर में ट्रैक्टर के माध्यम से की जा रही थी। शाम के समय कुछ ग्रामीणों की नजर काले पत्थर के एक हिस्से पर पड़ी। जब साफ-सफाई की गई तो धीरे-धीरे एक सुंदर और प्राचीन मूर्ति बाहर निकली।

शुरुआत में ग्रामीणों ने इसे भगवान विष्णु की प्रतिमा समझा, लेकिन पुरातत्व विशेषज्ञों ने इसे उमा महेश्वर (शिव-पार्वती) की प्रतिमा के रूप में पहचाना। इसके बाद गांव में इस प्रतिमा को लेकर आस्था और उत्साह का माहौल बन गया। पूरी रात ग्रामीणों ने प्रतिमा की निगरानी की और सुबह होते ही बड़ी संख्या में लोग इसे देखने पहुंचने लगे।

 

हरिद्वार स्थित एक विश्वविद्यालय के पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार के अनुसार यह प्रतिमा पाल कालीन काल (9वीं–10वीं शताब्दी) की है। उन्होंने बताया कि इस ग्रेनाइट की बनी प्रतिमा में भगवान शिव विश्वपद्म पर विराजमान हैं, साथ ही नंदी (शिव का वाहन) और सिंह (पार्वती का वाहन) की भी स्पष्ट छवियां उकेरी गई हैं। प्रतिमा में अंजलि मुद्रा में दाता का अंकन भी है।  पार्वती के बाएं हाथ में दर्पण और अक्षमाला है।

 

नवादा संग्रहालय के प्रमुख डॉ. शिव मिश्रा ने भी प्रतिमा को अद्भुत और ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा नवमी या दशमी शताब्दी की है और इसे संग्रहालय में संरक्षित किया जाना चाहिए। भग्न अवस्था में प्रतिमा की पूजा करना शास्त्रों में वर्जित माना गया है। उन्होंने बताया कि लखीसराय संग्रहालय के अंतर्गत शेखपुरा जिला भी आता है, और जिलाधिकारी को इस विषय में सूचना दे दी गई है।

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गौरतलब है कि करीब पंद्रह वर्ष पहले शेखपुरा जिले के कोसरा गांव में भी इसी प्रकार की एक उमा महेश्वर प्रतिमा तालाब की खुदाई में मिली थी, लेकिन उसे एक घर में रख दिए जाने के बाद कुछ दिनों में चोरी हो गई थी। आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिला।

 

इस बार की घटना को देखते हुए विशेषज्ञों और प्रशासन की ओर से प्रतिमा को संरक्षित करने की मांग उठ रही है, ताकि इतिहास की यह धरोहर सुरक्षि

त रह सके।

 

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