
प्यासे रह गए खेत और गर्म हो गई बरबीघा की राजनीति

प्यासे रह गए खेत और गर्म हो गई बरबीघा की राजनीति
बरबीघा, शेखपुरा
नवादा जिला के पौरा से चलकर शेखपुरा जिले के कई प्रखंडों और नालंदा जिला के एक प्रखंड तक पहुंचने वाली नहर जिर्णोद्धार का काम नहीं होने से हजारों एकड़ खेत प्यासे रह गए। वहीं इसको लेकर बरबीघा की राजनीति गर्म हो गई। यही मुद्दा बिहार की राजधानी पटना तक गर्म रही और राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियां बटोरी।
नहर के साफ सफाई और बांध के निर्माण के साथ-साथ टूटे हुए बांधों के मरम्मती और अतिक्रमण हटाने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा लगातार की जा रही है। इसको लेकर कई सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ किसानों के द्वारा कई मंचों पर विभिन्न नेताओं, मंत्रियों को आवेदन दिया।
किसानों ने भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी को भी ज्ञापन देकर नहर में पानी लाने का रास्ता साफ करने की मांग की थी। उधर, इस पूरे मामले में जहां नहर के जिर्णोद्धार की उम्मीद जगी थी। वहीं पटना में हुई राजनीति का असर बरबीघा में चर्चा का विषय बन गया ।
इसी नदी में पानी आने से शेखपुरा प्रखंड के टाटी नदी में भी पानी आता है।
भारी बरसात के बाद भी नहर में नहीं आया पानी

नवादा जिले के वारसलीगंज के पौरा से बरबीघा शेखपुरा एवं नालंदा जिला के अस्थमा के कुछ पंचायत में जाने वाली बारहगेन और मिरजेन नहर में इस बार पानी नहीं आया । नहर के बांधों के टूटे हुए होने, नहर के बीच-बीच में अतिक्रमण होने और पौरा में जहां से इस तरफ छोड़ा जाता है उसकी व्यवस्था ध्वस्त हो जाने से ऐसा हुआ है।
इसको लेकर नहर बचाओ समिति के अध्यक्ष एवं खेतलपुर निवासी अधिवक्ता रंजीत कुमार कहते हैं कि बड़े स्तर पर इस नहर को दुरुस्त करने की जरूरत है। बिहार केसरी डॉक्टर श्रीकृष्ण सिंह ने इस नहर को बरबीघा तक पहुंचा परंतु अब इस तरफ किसी का ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक खींचतान की वजह से नहर का भविष्य अधर में लटक गया । उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधि को कई बार आवेदन देकर उन्होंने इसकी मांग की परंतु कोई पहल नहीं हुआ स्थानीय विधान परिषद के सदस्य अजय सिंह ने विधान परिषद में मुद्दा उठाया तो सरगर्मी बढ़ी है परंतु अब इस पर क्रेडिट लेने की राजनीति शुरू हो गई है।
उधर बरबीघा के किसान की माने तो
नहर में अतिक्रमण है। ऊपर में भी जगह-जगह अतिक्रमण की वजह से यह परेशानी हो रही है । उधर, समाजवादी नेता शिवकुमार ने कहा कि नहर में पानी नहीं आना क्षेत्र के विकास को रोकने जैसा है। और यह बड़ा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता सौरभ सुमन ने कहा कि सत्ताधारी पक्ष के दो नेताओं के खींचतान में विकास का काम रुक गया है। इससे आम लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।




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