
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 100वां स्थापना दिवस: शस्त्र पूजा और पथ संचलन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 100वां स्थापना दिवस शेखपुरा में विजयादशमी उत्सव के अवसर पर बड़े ही धूमधाम और ऐतिहासिक माहौल में मनाया गया। यह अवसर संघ की परंपरागत शस्त्र पूजा और पथ संचलन के साथ-साथ शताब्दी वर्ष की शुरुआत का प्रतीक बना। कार्यक्रम की शुरुआत सह क्षेत्र कार्यवाह विनेश प्रसाद और जिला कार्यवाह अभय कुमार द्वारा शस्त्र पूजा से हुई। उन्होंने इसे धर्म की रक्षा और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक बताया। इसके उपरांत सतेन्द्र कुमार ने एकल गीत प्रस्तुत किया और शिवम कुमार ने अमृत वचन सुनाया।
मुख्य संबोधन में सह क्षेत्र कार्यवाह विनेश प्रसाद ने कहा कि डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। उस समय देश की आजादी के लिए कई संगठन काम कर रहे थे, लेकिन विचारों में मतभेद के कारण समाज एकजुट नहीं हो पा रहा था। संघ ने बहुसंख्यक समाज को एक मंच पर लाने का कार्य किया। उन्होंने बताया कि संघ के कार्यकर्ताओं के योगदान से अंग्रेज हड़बड़ा गए और नियत समय से पहले देश छोड़ने को मजबूर हुए। उन्होंने विभाजन के समय स्वयंसेवकों द्वारा दिए गए बलिदान को भी याद किया, जिन्होंने लाखों हिंदुओं को सुरक्षित भारत लाने का कार्य किया।
विनेश प्रसाद ने स्वयंसेवकों से "पंच परिवर्तन" का संकल्प लेने का आह्वान किया। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जिला शारीरिक प्रमुख गोपाल कुमार के नेतृत्व में पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ नगर भ्रमण (पथ संचलन) किया गया। यह संचलन चांदनी चौक, कटरा चौक, पुल पर अहियापुर, लालबाग, सुनौली होते हुए महादेव नगर स्थित अरधौती धाम में समाप्त हुआ।
इस अवसर पर जिला संघचालक राधेश्याम वर्णवाल, भाजपा नेता प्रो. सुधीर कुमार, विपिन मंडल, सचिन सौरभ, मनोज सिन्हा, रंजन आर्या, चंद्रशेखर, दीपक निलेश, आर्यन सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और नगरवासी उपस्थित रहे। पूरा आयोजन संघ के शताब्दी वर्ष का गौरवशाली प्रारंभ साबित हुआ।




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