
दोषी एचएम के विरुद्ध कार्रवाई के बदले पक्ष में काम करना पड़ा महंगा

शेखपुरा।
दोषी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्यवाई रिपोर्ट तैयार करने के बदले उनके पक्ष में वकालत करना शिक्षा विभाग से लेखा डीपीओ को मंहगा पड़ गया।
बरबीघा स्थित डीएवी स्कूल के तत्कालीन प्रधानाध्यापक और व्ययन और निकासी पदाधिकारी बिजय कुमार पाण्डेय द्वारा कथित तौर पर क्षेत्र के कई शिक्षको के बकाया के नाम पर 33 लाख रूपये से ज्यादा की निकासी के प्रयास के मामले में लेखा डीपीओ को जाँच कर एटीआर यानि कार्यवाई रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था। जाँच के दौरान उन्होंने सभी आरोप सही पाते हुए प्रधानाध्यपक की वकालत शुरू कर दी।
उन्होंने अपने रिपोर्ट में अनुसंशा की कि कोषागार से निकाले जाने के क्रम में मामला उजागर होने के बाद उसे बैंक से नहीं निकलने दिया गया। इस प्रकार उनपर कोई कार्रवाई का आधार नहीं बनता है।. उन्होंने यह भी सिफारिस की कि यह उन प्रधानाध्यापक की पहली गलती थी। सरकारी सूत्रों से प्राप्त जानकरी के अनुसार शिक्षा विभाग ने लेखा डीपीओ शिवचंद्र बैठा की सेवा समाप्ति की कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी नन्द किशोर राम ने इस सम्बन्ध में डीपीओ स्थापना मिथिलेश कुमार को उनके खिलाफ प्रपत्र ‘क’ गठित करने का आदेश दिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने लेखा डीपीओ को भी स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया है। गौरतलब है कि पिछले एक साल पहले इस मामले में अभी तक किसी प्रकार की किसी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं हो पाई है। शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक केवल दोषी प्रधानाध्यापक को निलम्बित ही किया है। यह मामला जिला प्रशासन से लेकर पटना सरकार तक से जाँच कर दोषी पर कार्रवाई का आदेश धुल फांक रहा है।

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