राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाने के निर्देश, जानिए नियम
राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाने के निर्देश, जानिए नियम
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान और उसके सही उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने राष्ट्रीय ध्वज को देश की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक बताते हुए इसे विशेष मान और सम्मान देने पर जोर दिया है।
मंत्रालय ने नोट किया कि राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े कानूनों, परंपराओं और प्रथाओं के प्रति लोगों और संगठनों में जागरूकता की कमी पाई गई है। इसके संदर्भ में ‘राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971’ और ‘भारतीय ध्वज संहिता, 2002’ (2021 और 2022 में संशोधित) का पालन सुनिश्चित करने की अपील की गई है। इन प्रावधानों की विस्तृत जानकारी गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है।
कागज के झंडे के लिए विशेष निर्देश
ध्वज संहिता के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग कागज से बने झंडों के रूप में राष्ट्रीय, सांस्कृतिक, और खेल आयोजनों में किया जा सकता है। हालांकि, यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि इन झंडों को आयोजन के बाद फेंका न जाए। ऐसे झंडों का निपटान निजी तौर पर, राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा के अनुरूप किया जाना चाहिए।
जागरूकता अभियान चलाने की अपील
मंत्रालय ने सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और सही उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाएं। इन अभियानों को इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित करने पर भी जोर दिया गया है।
यह कदम नागरिकों में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति आदर और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता 2002: महत्वपूर्ण प्रावधानों और संशोधनों की जानकारी
नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, जो देश की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है, राष्ट्रीय गौरव का प्रतिनिधित्व करता है। इसे सम्मानित करने और उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय सम्मान का अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के तहत दिशानिर्देश निर्धारित किए गए हैं। हाल ही में हुए संशोधनों और दिशा-निर्देशों पर एक नजर:
1. ध्वज निर्माण सामग्री में बदलाव:
दिसंबर 2021 के आदेश के अनुसार, अब राष्ट्रीय ध्वज हैंडस्पन और हैंडवोवन के साथ-साथ मशीन से बनाए गए कपड़ों (पॉलिएस्टर, सूती, रेशमी या खादी) से भी तैयार किया जा सकता है।
2. सार्वजनिक उपयोग की स्वतंत्रता:
कोई भी व्यक्ति, निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी दिन या अवसर पर, गरिमा और सम्मान के साथ फहरा सकता है।
3. संशोधन: रात और दिन दोनों समय फहराने की अनुमति:
जुलाई 2022 के आदेश के अनुसार, यदि ध्वज खुले में या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, तो इसे दिन और रात दोनों समय फहराने की अनुमति है।
4. आकार और अनुपात:
ध्वज आयताकार होना चाहिए, और इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
5. ध्वज का सम्मान सुनिश्चित करना अनिवार्य:
क्षतिग्रस्त या बिखरे हुए ध्वज का उपयोग प्रतिबंधित है।
ध्वज को हमेशा सम्मानपूर्ण स्थान पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
इसे किसी अन्य ध्वज या बैनर के समानांतर या उससे ऊपर नहीं रखा जा सकता।
6. विशेष वाहनों पर ध्वज का उपयोग:
ध्वज केवल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और अन्य उच्च गणमान्य व्यक्तियों के वाहनों पर ही फहराया जा सकता है।
राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े इन प्रावधानों का उद्देश्य भारतीय ध्वज के प्रति हर नागरिक में सम्मान और गौरव की भावना को बनाए रखना है। अधिक जानकारी के लिए, नागरिक गृह मंत्रालय की आधिकारिक
वेबसाइट पर जा सकते हैं।
(रिपोर्ट: संवाददाता)
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