
गांव-गांव इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने के लिए बरसात से पहले नीम का काढ़ा पीने की है परंपरा

शेखपुरा
शेखपुरा जिले सहित आसपास के जिलों में आषाढ़ महीने के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नीम के कोमल पत्ते को पीस कर उसका काढ़ा पीने की परंपरा है। नीम के पत्ते का काढ़ा इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने के लिए पिया जाता है। बरसात शुरू होने से पूर्व नीम के पत्ते का काढ़ा पीने की परंपरा संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए पिया जाता है।



इसको लेकर होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ ज्योत्स्ना कुमारी कहती है कि दशकों से इस क्षेत्र में नाग पंचमी की सुबह खाली पेट में नीम के पत्ते को पीसकर पीने की परंपरा रही है। आज भी गांव-गांव इसका पालन किया जाता है। नीम का पत्ता पीने की वजह संक्रामक बीमारियों से बचाना माना जाता है। लोग इसे आज भी उपयोग में ला रहे हैं। वही आयुष चिकित्सक डॉ जेके प्रियदर्शी कहते हैं कि नीम के पत्ते में इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने के गुण होते है। इसे बिषणु रोधी भी माना जाता है। साथ ही यह रक्तशेधक भी है। नीम जख्मों के लिए बहुत उपयोगी होता है और यह एंटीसेप्टिक भी है। बरसात शुरू होने से पहले इसके पत्ते को पीसकर इसका काढ़ा पीने से निश्चित रूप से लाभ मिलता है।
कमरों में नीम का पत्ता लगाने की भी परंपरा
नागपंचमी पर नीम के पत्ते को घरों के रखने की परंपरा भी है। मान्यता है कि इससे बिषणू अप्रभावी होगें। वहीं मच्छरों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।
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