
मासिक धर्म में सेनेटरी पेड की जगह कपड़ा उपयोग करने से क्या है खतरा..जानिए.

बरबीघा
विश्व महावारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर बरबीघा नगर परिषद में समारोह आयोजित कर महिलाओं एवं छात्राओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के संबंध में जानकारी दी गई। यह समारोह यूनिसेफ के देखरेख में संचालित किया गया।
इस अवसर पर मासिक धर्म के संबंध में स्वच्छता अपनाने की सलाह चिकित्सकीय सलाहकार निधि दास और प्रियंका के द्वारा दी गई।
मौके पर उनके द्वारा सेनेटरी पैड को अपनाने पर बल दिया गया। साथ ही साथ 14 सौ महिलाओं के बीच 28 सौ सेनेटरी पैड और साबुन का वितरण किया गया। जानकारी देते हुए निधि राशि द्वारा बताया गया कि भारत में महावारी आने पर हर साल 2 करोड़ से ज्यादा बालिकाएं स्कूल जाना छोड़ देती हैं। जबकि भारत में 88% महिलाएं सैनिटरी पैड इस्तेमाल नहीं करती। भारत में माहवारी आने पर चार में से एक बालिका स्कूल जाना छोड़ देती है। ग्रामीण भारत में केवल 2% बालिकाएं ही पैड का इस्तेमाल करती है। छत्तीसगढ़ में 80% से अधिक बालिकाएं माहवारी में कपड़ा इस्तेमाल करती है।
भारत में हर साल 60 हजार महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर की वजह से हो जाती है जिसमें 40 हजार माहवारी के अस्वच्छ प्रबंधन से होता है।
भारत में 70 प्रतिशत प्रजनन संबंधी रोगों का कारण है अस्वच्छ माहवारी प्रबंधन है।
भारत में लगभग 12 करोड़ किशोरियां अस्वच्छ माहवारी से होने वाले रोगों से पीड़ित हैं।

भारत में 71 प्रतिशत किशोरियों को मासिक धर्म के बारे में जानकारी उनके किशोरावस्था से पहले नहीं होती। छत्तीसगढ़ में लगभग 30% बालिकाएं माहवारी में पैड का इस्तेमाल करती हैं।
मौके पे कार्यपालक पदाधिकारी ऋतिक कुमार, सभापति रोशन कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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