सूख रही है धान की खेत, वर्षा नहीं होने से हताश हो रहे किसान
अरियरी।
सावन माह बहे पुरबईया बैला बेचो खरीदो गईया । कृषि वैज्ञानिक कहे जाने वाले कवि घाघ का ये कथन सही साबित हो रहा है ।
बताते चले कि अरियरी प्रखंड में कुल दस (10 )पंचायत है। जिसमें एक दो ही पंचायत में किसी तरह धान की रोपनी हो पाई है । वो भी अब पानी के बिना धान की पौधा अब सूखने और मुरझाने लगा है । खेतों में दरार पड़ गये है
इसके लेकर किसान बहुत ही चिंतित दिख रहे है । किसान अपना सारा पूँजी और मेहनत धान की रोपनी में लगा दिए है । लेकिन अब सारा मेहनत और पूँजी वर्षा नहीं होने के कारण विफल साबित हो होते दिख रहा है ।
किसानों ने बताया कि जुलाई माह में वर्षा होने से और डीजल जला कर धान की रोपनी तो कर दिए पर अब वर्षा नहीं होने के कारण धान की पौधे पानी के बगैर सुख सुख रहे है ।और सबसे बड़ी बात तो ये है कि जल स्तर भी काफी नीचे चले जाने कारण प्रखंड में स्थिति भयावह है । जब कि इसी प्रखंड से कोडहारी नदी भी गुजरी है। लेकिन इसमें भी इस साल पानी नहीं आया है ।
इसके लेकर धान की फसल के साथ- साथ रबी का भी फसल प्रभावित होने का किसानों में डर बना हुआ है । इस बाबत जिला कृषि पदाधिकारी लाल वचन राम ने बताया कि प्रखंड में पाँच हजार सात सौ छः ( 5,706 )हेक्टयर धान रोपनी का लक्ष्य था । लेकिन मात्र तीन हजार (3000 )हेक्टयर भूमि में ही धान की रोपनी हो पाई है ।
जो कि लक्ष्य के विरुद्ध 52%होता है ।वही इस प्रखंड में अगस्त माह में 299. 3 एमएम वर्षा होना चाहिए लेकिन मात्र 98.8 एमएम ही वर्षा हुई । इसी के लेकर प्रखंड में किसानों के बीच चिंता बनी हुई है ।
वर्षा पर आधारित खेती पर इस प्रखण्ड के किसान निर्भर हैं। सुखाड़ की काली साया अभी से ही प्रखण्ड में मंडराने लगी है।जिसके कारण लाखों किसानों के चेहरे पर मायूसी की लकीर खीच आयी है।
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