फरीद खान के कुआं से यहां बनता है छठ का प्रसाद, अनूठी मिसाल
फरीद खान के कुआं से यहां बनता है छठ का प्रसाद, अनूठी मिसाल
शेखपुरा
धार्मिक और सामाजिक सौहार्द का एक जीता जागता अनूठा उदाहरण बिहार के शेखपुरा जिले में है । यहां छठ अनुष्ठान के दौरान खरना के दिन, दाल बनाने के लिए इसी कुआं का पानी लिया जाता है।
इसे शेरशाह सूरी ने बनाया था। शेरशाह सूरी का दूसरा नाम फरीद खान भी था । शेखपुरा नगर क्षेत्र के मुख्यालय के खांडपर स्थित इस कुआं को दाल कुआं के नाम से लोग जानते हैं।
नगर भर के लोग बड़ी संख्या में खरना के दिन इसी कुआं से पानी लेकर अपने-अपने घरों में जाते हैं । जिससे खरना का प्रसाद बनता है। इस कुआं की प्रसिद्धि छठ पर्व पर काफी बढ़ जाती है।
बुधवार को खरना के दिन शेखपुरा नगर के इसी दाल कुआं पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कुआं चार सौ नब्बे वर्ष पुराना है। इस कुआं का निर्माण शेरशाह ने तब करवाया जब वह बंगाल में युद्ध लड़ने के लिए अपने सैनिकों के साथ जा रहा था।
शेरशाह सूरी के बने इस कुएं को कोई कहानी नहीं माना जाता। दरअसल इस कुआं का इतिहास भी है । इसको लेकर जानकार बताते हैं कि मुंगेर जिला के गजेटियर में इस कुआं का जिक्र है। जिसे उन्नीस सौ तीन में प्रकाशित किया गया था। इस कुआं को दाल कुआं के नाम से उल्लेखित किया गया है।
जानकार बताते हैं कि छठ पर्व पर बरसों से इसी कुआं के पानी से दाल बनाने की परंपरा है । इस कुआं के पानी से दाल बनाने पर उसका स्वाद बहुत ही उत्कृष्ट होता है।
इस कुआं के बारे में कहा जाता है कि कई दशक पहले तक इसी कुआं से पूरे शेखपुरा शहर के लोग की प्यास बुझती थी और पीने के पानी का यही एकमात्र साधन था।
हालांकि स्थानीय लोगों की उदासीनता और प्रशासनिक देखभाल के अभाव में अब यह कुआं अपना अस्तित्व खोता हुआ दिखाई पड़ रहा है। इसके जल स्रोत सूखने लगे हैं।
कुआं में काफी मात्रा में कचरा भी फेंका जाता है जिससे भी इसके अस्तित्व पर खतरा बन गया है।
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