• Friday, 17 October 2025
अब बिहार में डिग्रीधारी नाट्यकर्मी करेंगें आंदोलन

अब बिहार में डिग्रीधारी नाट्यकर्मी करेंगें आंदोलन

Vikas

पटना।

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में लगाए लॉकडाउन लागू है. इसी दौरान बिहार के विभिन्न जिलों से नाट्यशास्त्र की डिग्री लिए छात्रों ने एक स्वर में सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए बिहार के विद्यालयों में नाट्य शिक्षक की बहाली के लिए अपनी आवाज बुलंद की है. डिग्रीधारी रंगकर्मी सोशल मीडिया के माध्यम से आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री के प्रधान सचिव एवं कला संस्कृति मंत्री को ई-मेल भेजा लेकिन ई-मेल का कोई जबाब नहीं आया. उन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी.

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बिहार सरकार एवं केन्द्र सरकार को डाक के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, कला संस्कृति मंत्री सभी को पुनः पत्र भेजा गया लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं मिला. बताते चलें कि एक नाट्य-शिक्षक मौजूदा सभी विषयों को रंगमंचीय पद्धति के माध्यम से पढ़ाने में बेहतरीन भूमिका निभा सकता है. अर्थात एक नाट्य शिक्षक नाट्यकला-शिक्षा के साथ-साथ स्वर-प्रशिक्षण, संभाषण, इम्प्रोवाइजेशन, स्क्रिप्ट राइटिंग, शब्द-उच्चारण, शारीरिक-शिक्षा, गीत-संगीत, मेक-अप, डिजाइन वर्क, समूह-वर्क, प्रस्तुति परिकल्पना, चित्रकला, मूर्तिकला आदि प्रदर्शन कलाओं के विशेष प्रशिक्षण के साथ-साथ अन्य विषयों को भी मनोरंजन के माध्यम से शिक्षा-व्यवस्था को सर्वोत्कृष्ट बना सकता है. ज्ञात हो कि हर वर्ष ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा एवं देश के अन्य कई विश्वविद्यालयों से बिहार के छात्र नाट्य विधा से सैकड़ों की संख्या में डिग्री प्राप्त कर बेरोजगारी से जिंदगी में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. डीग्रीधारी रंगकर्मियों का कहना है कि नौकरी नहीं देना है तो डीग्री किसलिए दी जा रही है.

रंगकर्मियों ने जल्द से जल्द बिहार के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नाट्य शिक्षक की बहाली प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है. नहीं तो डिग्रीधारी रंगकर्मी बहुत बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि वह नाटक के ही कलाकार है जो सरकार के हर योजना को नुक्कड़-नाटक के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया करते हैं. चाहे वह आपदा की घड़ी ही क्यूँ न हो. फिर भी केंद्र सरकार और बिहार सरकार नाट्य कला से डिग्री लिए हजारों छात्रों को नजरअंदाज कर रही है. जिले के अमित आनंद, सुनीत कुमार, अमित कुमार अंशु एवं मोहम्मद शहंशाह ने सरकार से मांग किया है कि जल्द से जल्द इस ओर ध्यान दिया जाए. नहीं तो अगामी चुनाव में सभी नाट्य कला से डिग्रीधारी छात्र वोट का बहिष्कार करेंगे.

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