• Monday, 20 May 2024
आषाढ़ी पूजा में इन गांवों के लोगों ने बंद कर दिया है पशु बलि

आषाढ़ी पूजा में इन गांवों के लोगों ने बंद कर दिया है पशु बलि

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बरबीघा

बरबीघा प्रखंड अंतर्गत शेरपर, तेतारपुर, खोजगाछी सहित अन्य गांव में आषाढ़ी पूजा के नाम पर पशु बलि की परंपरा बंद कर दी गयी है।

पशु बलि प्रथा को बंद किए जाने को लेकर ग्रामीणों में उत्साह भी देखा जाता है।

धार्मिक आस्था और परंपरा के तौर पे अषाढ़ी पूजा में कई गांव में बड़ी संख्या में पशु बलि दी जाती है।

वहीं नगर क्षेत्र के शेर पर गांव में इस परंपरा को एक दशक पूर्व में ही बंद कर दिया गया। यहां दो जगह महारानी स्थान में पूजा दी जाती है। दोनों जगह खीर से पूजा होती है।

तेतारपुर गांव में भी पशु बलि की प्रथा को बंद कर दी गई है। खोजगाछी गांव में भी पशु बलि की प्रथा बंद है।


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खोजगाछी निवासी शैलेंद्र सिंह बताते हैं कि कुछ साल पहले उनके गांव में एक संत आए थे जिनके द्वारा पशु बलि को गलत बताते हुए पूजा के लिए खीर इत्यादि के प्रयोग पर बल दिया गया था जिसके बाद सभी ग्रामीणों की सहमति पर पशु बलि बंद कर दी।

शेरपर में इसी पूजा के अवसर पे कन्या पूजन भी किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

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