• Friday, 26 April 2024
लगन के मौसम में कम उम्र के लड़कों की मौत क्या है कनेक्शन, पढ़कर चौंक जाएंगे आप

लगन के मौसम में कम उम्र के लड़कों की मौत क्या है कनेक्शन, पढ़कर चौंक जाएंगे आप

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लगन के मौसम में कम उम्र के लड़कों की मौत क्या है कनेक्शन, पढ़कर चौंक जाएंगे आप

News Desk

बिहार में इन दिनों शादियों का मौसम चल रहा है और शादियों का मौसम कितना जानलेवा है इसे पढ़कर आप चौक जायेंगे। शादियों के इस जानलेवा मौसम में कई लोगों की जानें जा चुकी है और कई लोग जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। सरकारी अस्पताल और गैर सरकारी अस्पताल में ऐसे कई लोग आपको मिल जाएंगे जो इन शादियों के मौसम में बारात और तिलक जाने आने और शादियों के खरीदारी में ऐसे जानलेवा मामले में शिकार हुए हैं। लगातार हादसे होने का कनेक्शन वैशाख के महीने से भी जुड़ गया है। वैशाख के महीने में ताड़ी का नशा करने का प्रचलन है। ऐसे में बड़ी संख्या में है ताड़ी का नशा करके बाइक ट्रक और अन्य वाहन लोग चला रहे हैं। हालांकि बारातियों के द्वारा शराब का सेवन भी अब धड़ल्ले से किया जा रहा है। इनको रोकने और टोकने की व्यवस्था नहीं हो रही है।

बुधवार को कोरमा थाना क्षेत्र में मोपेड हादसे में घायल किशोर

क्या है शादियों के मौसम में जानलेवा हादसों के मामले

दरअसल शादियों के मौसम में बाइक सवार हादसों के शिकार हो रहे हैं। हर एक दिन बिहार के विभिन्न जिलों में मौतें हो रही है। इसमें ज्यादातर बाइक सवार ही होते हैं। इन मौतों में बाइक सवार में कम उम्र के लड़के ज्यादा शामिल हैं । इनमें कई तो ऐसे हैं जो घर से बारात के लिए निकले और मौत ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया।

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नो हेलमेट नो ड्राइविंग लाइसेंस कम उम्र के बच्चे चला रहे रेसर बाइक

बात अगर शेखपुरा जिले की करें तो सदर अस्पताल में हर एक-दो घंटे में लगन के मौसम में हादसे का शिकार होकर युवक पहुंच रहे हैं । इसमें कम उम्र के लड़के ज्यादा शामिल हैं । इसको लेकर अस्पताल के चिकित्सक कहते हैं कि कम उम्र के लड़के एक बाइक पर तीन से चार सवारी करके बारात और तिलक में निकलते हैं। ऐसे में दूसरी तरफ से भी तेज रफ्तार में आ रहे वाहन उन्हें अपने चपेट में ले रहा । हेलमेट नहीं होने से युवाओं और किशोरों की जान जा रही है । बाइक पर चलने वाले सभी के लिए हेलमेट अनिवार्य है परंतु यहां चालक भी हेलमेट लगाकर नहीं चल रहे। ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने की वजह से बाइक चलाने का अनुभव भी किशोर उम्र के बच्चों को नहीं है ऐसे में उनके अभिभावक में रेसर बाइक अपाचे और पल्सर जैसे बाइक दे देते हैं जो बेहद खतरनाक और जानलेवा है।

शराब का नशा भी हो रहा है जानलेवा

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बिहार में भले शराबबंदी हो परंतु शराब का नशा भी कम उम्र के लड़के अथवा बाइक सवार के लिए जानलेवा हो रहा है। अन्य वाहन चालक भी नशे में वाहन चला रहे हैं। उनको रोकने और टूटने की कार्यवाही नहीं हो रही है। बरात आने और जाने वाले घायल रात भर अस्पताल आते रहते हैं स्वास्थ्य कर्मी परेशान रहते हैं। शराब के नशे में बाइक चलाते हैं इससे हादसे हो रहे हैं। एक स्वास्थ्य कर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ज्यादातर लोग शराब पिए रहते हैं। कई ताड़ी के नशे में होते हैं । इस वजह से हादसे बढ़ रहे हैं।

सुबह से ही मरीजों का लग जाती है भीड़

हादसों की वजह से सुबह से ही मरीजों को आना शुरू हो जाता है । शेखपुरा सदर अस्पताल में गुरुवार की सुबह भी हादसे का शिकार होकर युवक पहुंचे। जिनका इलाज कर एक ही गंभीर स्थिति देखते हुए रेफर कर दिया गया। गुरुवार को मनकोल के पास बाइक और पिकअप की टक्कर से हुए इस हादसे में बुधवार की रात्रि में हुए हादसे में करकी निवासी सतीश कुमार और छोटू कुमार घायल हो गया। नीतीश कुमार को गंभीर स्थिति में रेफर कर दिया गया।

बात यदि बुधवार की करें तो शेखपुरा के कोरमा थाना के चरयारी मोड़ के पास एक मोपेड पर तीन कम उम्र के लड़के सवार होकर शादी ब्याह के सामान की खरीदारी के लिए शहर आ रहे थे ट्रैक्टर से टक्कर हो गई जिसमें कोरमा निवासी विकास कुमार, सनोज कुमार, गौतम कुमार गंभीर रूप से जख्मी हो गए। सभी को बृजेश कुमार सुमन नामक सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया सभी गंभीर रूप से जख्मी हुए।

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