पानी पंचायत में पंचो ने सुनाया अपना फैसला, मरती नदी को बचाने की अपील
पानी पंचायत में पंचो ने सुनाया अपना फैसला, मरती नदी को बचाने की अपील
नालंदा
नालंदा के सिलाव प्रखंड के पावडीह गांव में शनिवार को पानी पंचायत का आयोजन किया गया । इस पानी पंचायत में पानीदार का चयन किया गया। 5 सामाजिक कार्यकर्ता को पानीदार चुना गया।
पानीदार पंच के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता जनार्दन सिंह, प्रिंसिपल प्रोफेसर परमानंद सिंह, पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुबोध सिंह, बलौर निवासी रामनरेश सिंह एवं कोऑपरेटिव के पूर्व चेयरमैन नवल किशोर यादव को पंछी चुना गया।
जिनके द्वारा नदियों को बचाने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह को कई अतिथियों ने संबोधित किया। मुख्य अतिथि के रूप में जल पुरुष राजेंद्र सिंह उपस्थित हुए ।
उन्होंने सूखती हुई नदियों को मंत्र से नहीं तंत्र से बचाने का आग्रह किया। कहा कि सभी को आगे आने के बाद ही नदियों को बचाया जा सकता है। नदिया मर जाएगी तो सभ्यताएं मर जाएंगे। नदियां हमारी सभ्यता और संस्कृति के साथ-साथ हमारे जीवन को भी बचाती है। पानी पंचायत में नालंदा के पंचाने नदी को बचाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए तिलैया डैम में ढाढर नदी को पानी दिए जाने की बात भी उठी।
पानी पंचायत में बरबीघा के समाजवादी नेता शिवकुमार भी शामिल हुए। उन्होंने नदियों के उद्गम स्थल को बेहतर बनाने और वहां से नदियों में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपनी बात रखी। साथ ही साथ उन्होंने बरबीघा तक जाने वाली नहर की बात ही रखी।
प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सकरी और अपर् सकरी का प्रोजेक्ट पर आज कोई ध्यान नहीं दे रहा। इस वजह से नवादा, नालंदा, शेखपुरा जिला का हिस्सा पानी के बिना तरस रहा है। नदियां सूख गई है।
तालाब को भर दिया गया है । नदियों में पानी नहीं रहने से त्राहिमाम है। जलस्तर भी ठीक से नहीं हो रहा । बरबीघा तक आने वाले विभिन्न छोटी-बड़ी नहरों को साफ-सफाई करने, बांधो को मजबूत करने इत्यादि का काम जनप्रतिनिधियों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा। वे बस फोटो सेशन मे लगे है।सरकारी बाबू आराम से सो रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि नहर को बचाने के लिए शीघ्र ही आंदोलन की घोषणा की जाएगी और इसके लिए बड़ा अभियान चलाया जाएगा।
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