अब भूले -भटके बालक का जीवन नहीं होगा बर्बाद, हो रहा यह काम
अब भूले -भटके बालक का जीवन नहीं होगा बर्बाद, हो रहा यह काम
शेखपुरा
भूले भटके बच्चों को पकड़कर उसके जीवन को बर्बाद करने वाले गिरोह के सक्रियता जैसे-जैसे बढ़ी है वैसे-वैसे सरकार भी बच्चों को माफिया के चंगुल से बचाने का प्रयास करती रही है। ऐसे में अब बच्चों को माफिया के चंगुल से बचाने और भटके हुए बच्चे को आश्रय देने के साथ-साथ परिवार से मिलने की अभियान सरकार ने शुरू की है। इसके लिए अब 24 घंटे चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 कम कर रहा है।
यदि कहीं कोई भूला भटका बच्चा दिखे तो इस नंबर पर आप कॉल करके दिन या रात कभी भी उसका जीवन बचा सकते हैं । ऐसा ही एक मामला बिहार के शेखपुरा जिले में सामने आया जहां एक बच्चे का जीवन बचाया जा सका।
समाज कल्याण विभाग के निर्देश पर जिले में गठित चाइल्ड हेल्पलाइन अब 24 घंटे काम करने लगी है, जिसके परिणाम भी दिखने लगे हैं। बीती रात जीआरपी थाना की सूचना पर चाइल्ड हेल्प लाइन के अधिकारियों व कर्मियों ने जीआरपी थाना पहुंचकर भूले- भटके बालक को अपने संरक्षण में लेकर अगले आदेश तक के लिए बालगृह जमुई पहुंचा दिया है।
बताते चलें कि बीती रात 8:00 बजे के आसपास जीआरपी थाना के द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन को एक भूले -भटके बालक के बारे में सूचना दी गई। सूचना के बाद चाइल्ड हेल्प लाइन के अधिकारी एवं कर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बालक को अपने संरक्षण में लेकर बाल कल्याण समिति में उपस्थापि करवाया तथा जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक अजीत सोनल के निर्देश के आलोक में बालक को अगले आदेश तक के लिए बालगृह जमुई में आवासित कराया गया है।
बताते चलें कि बालक की उम्र लगभग 6-7 साल है और वह भटक कर शेखपुरा रेलवे स्टेशन पर आ गया था जहां जीआरपी थाना के थाना प्रभारी ने अपने संरक्षण में ले लिया और जिला बाल संरक्षण इकाई की सूचना दी। बालक के माता-पिता तथा उसके घर की तलाश की गई लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिलने की वजह से तत्काल उसके माता-पिता की तलाश होने तक उसे बालगृह में आवासित कराया गया है। बालक बोल-चाल से जमुई जिला का लगता है।
चाइल्ड हेल्पलाइन बच्चों के संरक्षण के लिए काम कर रही है
बताते चलें कि जिले में जिला बाल संरक्षण इकाई तथा चाइल्ड हेल्पलाइन बच्चों के संरक्षण के लिए काम कर रही है और सूचना मिलने पर बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए यह बिभाग अपने कर्मियों को तुरंत तैयार कर स्थल की ओर रवाना कर देती है। इसकी जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास ने बताया कि इस मामले में बाल हित को देखते हुए रात्रि में बाल कल्याण समिति का दफ्तर खोलवा कर बालक को समिति के समक्ष उपस्थापित कराया गया और रात्रि में ही बालक को जमुई बाल गृह पहुंचाया गया क्योंकि किसी भी हालत में रात्रि में बालक को थाना पर रखने की इजाजत जे जे एक्ट नही देती है। बताते चलें कि शेखपुरा में छोटे बालक का बाल गृह नही है जिस वजह से बालक को जमुई भेजना पड़ता है।
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