मारबो रे सुगबा धनुख से...सुग्गा गिरे मूर्छाय... शारदा सिन्हा को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया
मारबो रे सुगबा धनुख से...सुग्गा गिरे मूर्छाय... शारदा सिन्हा को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया
नहाए खाए कि रात्रि में बिहार की लोक गायिका स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन हो गया । उनके पुत्र अंशुमन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी। उनके निधन के बाद शोक की लहर चारों ओर फैल गई। उनका निधन 72 वर्ष के उम्र में हुआ। छठ पर्व के दिन ही उनकी मौत पर लोग काफी दुखी होकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार अरुण साथी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा...
सुबह आंख खुली। छठ गीत बजाने के लिए निर्धारित समय से पहले मोबाइल ऑन किया। शारदा सिन्हा का गीत बजाया।
"मारबो रे सुगबा धनुख से...सुग्गा गिरे मूर्छाय। आदित्य होई न सहाय...फिर मोबाइल में नोटिफिकेशन आया। छठी मईया ने शारदा सिंहा को अपने पास बुला लिया। कल अफवाह के बाद विश्वास नहीं हुआ। सोचा फिर खबर झूठ हो। पड़ताल किया। पता नहीं क्यों इस बार खबर झूठ नहीं निकली।
छठ व्रत में शारदा सिंहा का गीत मंत्र है। यह न बजे तो उपासना अधूरी। माय की फिर याद आ गई। किशोरावस्था में जब कभी छठ पर किसी दूसरे का भोजपुरी गीत बजाता तो माय गुस्से में आ जाती।
" नै सुनो छीं रे छौंडा, शारदा सिन्हा वाला बजो छौ तउ बजाउ, नै तो बंद कर। दोसर के गीत जरिको निमन नै लगो छै...!!"
छठ व्रत के दिन ही छठी मईया ने अपनी स्वर कोकिल उपासिका को अपने पास बुला कर उनकी साधना को सिद्धि में बदल दिया।
मंत्र घर में शारदा सिन्हा का छठ मंत्र गूंज रहा है
"झिल मिल पनिया में नैय्या फंसल बाटे, कैसे के होई नैय्या पार हो दीनानाथ।"
सदा सर्वदा गूंजता रहेगा।
नमन...
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