• Friday, 22 November 2024
पशुधन जागृति अभियान में बताया बांझपन दूर होने और बाछी होने शर्तिया उपाय

पशुधन जागृति अभियान में बताया बांझपन दूर होने और बाछी होने शर्तिया उपाय

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पशुधन जागृति अभियान में बताया बांझपन दूर होने और बाछी होने शर्तिया उपाय

 

बरबीघा, शेखपुरा:

 

शुक्रवार को शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखड अंतर्गत माउर ग्राम में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के द्वारा भारत सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम 'पशुधन जागृति अभियान के तहत पशु बांझपन निवारण शिविर - सह-जागरूकता अभियान' का आयोजन किया गया। 

 

कार्यक्रम का उद्घाटन बरबीघा के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष शिवकुमार, समाजसेवी सतेंद्र शर्मा, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के उपनिदेशक (प्रसार) तथा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर शिवकुमार ने कहा कि गौ वंश के देसी नस्ल को बचाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए और इसके लिए पहल होनी चाहिए। मंच संचालय सामाजिक कार्यकर्ता शांति भूषण मुकेश ने किया।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उप निदेशक प्रसार डॉ० पंकज कुमार ने बताया कि दुधारू पशुओं में बॉझपन की समस्या अति विकराल है तथा समय पर गर्भधारण नहीं कर पाने की वजह से किसानों को भारी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है, इसी समस्या के निवारण हेतु विश्वविद्यालय ने भारत सरकार, बिहार सरकार के पशुपालन विभाग तथा क्षेत्रीय स्वंयसेवी संस्था के सहयोग से इस जागरूकता सेमिनार और शिविर का आयोजन किया है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन बिहार राज्य के 13 आकांक्षी जिलों में किया जा रहा है जिसमें शेखपुरा जिला भी चयनीत है। सेमिनार को संबोधित करते हुए गर्भ विज्ञान के वरीय वैज्ञानिक डॉ० सुमित सिंघल ने बताया कि शेखपुरा जिला सहित पुरे बिहार राज्य के पशुओ में Anestrus अथवा समय पर गर्म न होना और Repeat Breeding अर्थात गर्भधारण नहीं करने की समस्या बहुतायात में है। शोध के द्वारा पता चला है कि यदि पशुओं की संतुलित आहार के साथ मिनरल मिक्चर दिया जाय और प्रत्येक 3 महिने पर कृमिनाशक दिया जाय तो इस समस्या को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

 

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प्रसार वैज्ञानिक डॉ० सरोज कुमार रजक ने सेमिनार को संबोधित करते हए कहा कि पशपालन के क्षेत्र में गर्भविज्ञान में अनेक नवाचार हए है जिसमें सेक्स सोर्टेड सिमेन शामिल है। किसान भाई अगली बार जब अपने पशुओं को सिमेन दिलाने जाये तो कृत्रीम गर्भाधान कर्मी से सेक्स सोर्टेड सिमेन की माँग करें, इस प्रकार की सिमेन से सिर्फ बछीया ही प्राप्त होती है जिससे नर पशु पर किये जा रहे अतिरिक्त खर्च को खत्म किया जा सकता है, तथा पशु के टीकने की दर भी ज्यादा है। विश्वविद्यालय द्वारा भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक पर भी रिसर्च चल रहा है जो जल्द ही पशुपालक किसानों तक पहुँच जायेगा। मौके पर पशु चिकित्सक विनोद सिंह, पशुपालक करुण सिंह, झुन्नू सिंह इत्यादि उपस्थित  रहे।

 

 

 

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