• Friday, 26 April 2024
बदमाश कंपनी: Top Engineers  के Cyber criminals बनने और लाखों की ठगी की पूरी कहानी पढ़िए

बदमाश कंपनी: Top Engineers  के Cyber criminals बनने और लाखों की ठगी की पूरी कहानी पढ़िए

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बदमाश कंपनी: टॉप इंजिनियरों के साइबर अपराधी बनने और लाखों की ठगी की पूरी कहानी पढ़िए
बरबीघा, शेखपुरा
अभी तक कम पढ़े लिखे लोग साइबर ठगी के धंधे को अंजाम दे रहे थे। वहीं बॉलीवुड की मशहूर फिल्म बदमाश कंपनी के तर्ज पर पढ़े लिखे और   इंटेलिजेंट कहे जाने वाले युवक युवतियों का इस ठगी के बाजार में उतरना काफी डरावना है।आई टी सेक्टर में बतौर इंजीनयर काम कर चुकी युवती बरबीघा की रहने वाली है। ये गोलापर निवासी जागेश्वर प्रसाद की पुत्री है। बदमाश कंपनी में टेली कॉलर की भूमिका में थी। पकड़े गए गिरोह के अन्य सदस्य गया, नालन्दा एवं पटना के रहने बाले हैं। मिली जानकारी के अनुसार पांच से आठ की संख्या में युवक युवतियां इस बदमाश कंपनी को लीड कर रहे थे।
ये इतने स्मार्ट थे की इन्होंने देश के कई राज्यों के पढ़े लिखे व्यपारियों को अपने जाल में फांस उन्हें अपना शिकार बना चुके हैं। कभी रिलांयस के पेट्रोल पम्प दिलाने के मामले में तो कभी बड़ी बड़ी कंपनी के डीलर शिप दिलाने के नाम पर गिरोह ने करोड़ो की ठगी की है। ताजा मामला किया ऑटोमोबाइल की डीलरी दिलाने के नाम पर हैदराबाद के एक व्यपारी को ठगी का शिकार बनाए जाने का है।

इस तरह से किया ठगी :

गिरोह ने ऑटो मोबाइल एवं अन्य डीलरशिप दिलाने के नाम पर होने वाली प्रक्रिया को जानने के लिए काफी तैयारी कर रखा था एक एक प्रक्रिया को बारकी से समझ लिया था।ठगी में पढ़े लिखे एवं चालाक शिकार भी आसानी से फंसे इसलिए इसे सही दिखाने के लिए इन स्मार्ट गिरोह ने पहले 
 
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Www.kiadelar.com के नाम से फर्जी बेबसाइट एवं जीमेल तैयार किया। फर्जी जीएसटी नम्बर देकर केनारा एवं पंजाब नेशनल बैंक बैंगलोर शाखा में किया ।इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से करंट अकाउंट भी खुलवाया।उसके बाद सर्च इंजन ऑप्टिमाईजेसन के माध्य्म से फर्जी बेब साइट को गूगल पर सबसे ऊपर ट्रेंड करा दिया। अब बदमाश कंपनी के बनाए इस जाल में हैदराबाद के मलिकार्जुन निलयम निवासी व्यपारी सी विजय कुमार आ फंसे। गूगल पर इन्होंने फर्जी वेबसाइट देखा और निजामाबाद के लिए किया के डीलरशिप लेने की इच्छा जताई और फर्जी जीमेल पर मेल कर दिया।बगुले की भांति घात लगाए बैठे गिरोह की सदस्या राधिका मिश्रा उर्फ आकांक्षा अग्रवाल असल मे रेखा भारती ने उन्हें फोन कर पूरी प्रक्रिया समझाई और रजिस्ट्रेशन,एनओसी,लाइसेंस फीस और मिनिस्ट्री ऑफ रोड के नाम पर बारी बारी से कुल 29 लाख रुपये ठग लिए।
कुछ दिनों बाद शक होने के बाद सी विजय कुमार ने बैंक के उस खाते की जांच कराई जिसमे उन्होंने पैसे डलबाए थे।लेकिन वो फर्जी निकला। जिसके बाद पीड़ित के पैरों के नीचे से जमीन सरक गयी।उनके द्वारा 18 जुलाई 22 को साइबराबाद थाने में मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई गयी। तेलंगाना पुलिस ने पहले बेंगलोर से रेखा भारती को उठाया एवं उसकी निशानदेही पर इस बदमाश कंपनी के कई सदस्य को उठाया गया है। फिलहाल पुलिस के द्वारा अन्य सदस्यों की खोजबीन के लिए धड़ाधड़ छापेमारी की जा रही है।
(भाग 1) जारी है
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