
क्लैट परीक्षा : एक जनवरी से करें आवेदन। अब ये प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे

पटना
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2020 की तिथि जारी कर दी गयी है. इसके साथ 10 मई 2020 को होने वाली क्लैट पैटर्न में भी बड़ा बदलाव किया गया है. बेंगलुरु के कंसोर्टियम के स्थायी सचिवालय में आयोजित एक बैठक के दौरान पैटर्न बदलाव करते हुए कंसोर्टियम के अध्यक्ष प्रो फैजान मुस्तफा ने कहा है कि क्लैट अंडरग्रेजुएट स्तर की प्रवेश परीक्षा में सवाल पूछे के तरीके में बदलाव किया है.
दो घंटे की अवधि में छात्रों से 200 के स्थान पर 10 मई को आयोजित परीक्षा में 120 से 150 प्रश्न ही पूछे जायेंगे. अब क्लैट में लीगल रीजनिंग के प्रश्न बिल्कुल नहीं पूछे जायेंगे. लीगल रीजनिंग के प्रश्न को हटा दिया गया है. कंप्रिहैनसन से जुड़े सवाल ज्यादा पूछे जायेंगे. ये सवाल क्वांटिटेटिव टेकनीक, अंग्रेजी, करेंट अफेयर्स व रीजनिंग से पूछे जायेंगे. परीक्षा में डिस्क्रिप्टिव हिस्सा पिछले साल जैसा ही रहेगा. प्रो मुस्तफा का कहना है कि हमने यह फैसला इसलिए भी लिया है ताकि अधिक-से-अधिक योग्य और सक्षम उम्मीदवारों को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडिशन मिले. साथ ही उनके पास टेक्स्ट रीड करने और रीजनिंग का कौशल भी हो. इसकी विस्तृत जानकारी दिसंबर में जारी कर दी जायेगी. परीक्षा के लिए आवेदन ऑनलाइन होगी, जबकि परीक्षा ऑफलाइन तरीक से ही आयोजित की जायेगी. नये पैटर्न पर होने वाली परीक्षा के लिए फॉर्म एक जनवरी 2020 से भरना होगा.
क्लैट तैयारी के लिए अब 12वीं के स्टूडेंट्स को नहीं पढ़ना पड़ेगा लॉ से जुड़े प्रश्न
क्लैट पाथ के निदेशक चंदन झा ने कहा है कि अब क्वांटिटेटिव तकनीक, अंग्रेजी, करंट अफेयर्स, डिडक्टिव रीजनिंग और लॉजिकल रीजनिंग से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे. इससे रटने वाले स्टूडेंट्स को परेशानी होगी. आइक्यू वाले स्टूडेंट्स और विषय की गहराई से अध्ययन करने वाले स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा. पढ़ाई और अपने तर्क के कौशल को दिखा सकें. इसके साथ ही अब सामान्य ज्ञान के प्रश्न को भी हटा दिया गया है. 50 अंक के लीगल एप्टिट्यूट को हटा दिया गया है. अब 12वीं के स्टूडेंट्स को लॉ ऑफ टॉर्ट, इंडियन पीनल कोड, लॉ ऑफ कॉन्ट्रैक्ट और क्रिमिनल लॉ जैसे कुछ बेसिक जानकारी रखने की जरूरत नहीं है. इन सभी को पूरी तरह से हटा दिया गया है. कंप्रिहैनसन बेस्ट प्रश्न रहेंगे. डाटा एंट्रीपटेशन और डाटा सफिशिएंसी जुड़े हुए सवाल पूछे जायेंगे. स्टूडेंट्स के लैंग्वेज पर पकड़ और उनके आइक्यू देखा जायेगा. मैथ के प्रश्न भी डायरेक्ट अब नहीं पूछे जायेंगे. इसे भी कहानी के तरह पूछा जायेगा. नये पैटर्न का मकसद है कि बिना लॉ की जानकारी लिये भी समस्या का हल कैसे किया जा सकता है. इसके लिए आइक्यू टेस्ट पर जोड़ दिया है. उम्मीदवारों को कम से कम 45 प्रतिशत (सामान्य श्रेणी) और 40 प्रतिशत (आरक्षित श्रेणी) अंकों के साथ किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10 वीं और 12 वीं उत्तीर्ण होना चाहिए.

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