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                जात-पात, धर्म और उंच-नीच के बंधन को तोड़ आदर्श विद्या भारती  में अनोखा रक्षाबंधन 
बरबीघा
आदर्श विद्या भारती स्कूल में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार रक्षाबंधन सामूहिक रूप से हर्षोल्लास के साथ समारोह पूर्वक बनाया गया.स्कूल की छात्राओं ने छात्रों को अपना भाई मानकर कलाई पर राखी बांधते हुए रक्षा का संकल्प दिलाया.कार्यक्रम के दौरान बहने कतार में खड़ी होकर अपने भाइयों के माथे पर चंदन और अक्षत का तिलक लगाने के बाद उनकी कलाइयों में राखी बांधकर उनके दीर्घायु होने के लिए मंगलकामना किया.
                    मौके पर मौजूद विद्यालय के प्राचार्य संजीव कुमार ने कहा कि उनके विद्यालय में हर साल रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है.बच्चों में समुचित शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों का समावेश करने विद्यालय द्वारा हर संभव प्रयास किया जाता है.इस दिन बिहार ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के विभिन्न जिले से माता-पिता बच्चे और बच्चियों के साथ विद्यालय पहुंचकर रक्षाबंधन में शामिल होते हैं.इसके अलावा विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को छात्राओं से राखी बंधवाई जाती है.जाति और धर्म के भेदभाव से परे रक्षाबंधन त्यौहार के माध्यम से बच्चों के अंदर संस्कार गढ़े जाते हैं.ताकि बच्चे आगे चलकर शिक्षित होने के साथ-साथ मानवीय मूल्यों की रक्षा करते हुए अपने सभ्यता और संस्कृति की भी रक्षा कर सकें.
                                                        
                                
                                     
                                
                                
                                                विद्यालय में सामूहिक रक्षाबंधन का उद्देश्य बच्चों के बीच जात-पात धर्म और उंच-नीच के खाई को पाटकर अच्छा संस्कार देना होता है. उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन अन्य संस्थाओं में भी होना चाहिए.इस तरह के आयोजन से आने वाले पीढ़ियों के बीच नफरत की भावना खत्म होकर मानवता की भावना पैदा होगी.अगर हमारे बच्चे शिक्षित होने के साथ-साथ संस्कारवान होंगे तभी उनका भविष्य उज्जवल होगा.इस समारोह में विभिन्न जिले से पधारे माता-पिता ने भी स्कूल की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे पहले हमलोगों ने ऐसा आयोजन कहीं नहीं देखा था. ऐसी आयोजन से वैसे छात्र जिन्हें बहन नहीं है, या वैसे छात्राएं जिन्हें भाई नहीं है दोनों को ही एक सूत्र के माध्यम से जोड़ने का अवसर मिलता है.जितना अच्छा आयोजन विद्यालय में किया गया शायद उतना अच्छा माहौल बच्चों को घर पर भी नहीं मिल पाता.
                            
                 
            
            
                                    
                 
            
            
                                    
                 
            
            
                                    
                 
            
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