
विद्यालय में रश्मिरथी काव्य पाठ का सफल आयोजन

विद्यालय में रश्मिरथी काव्य पाठ का सफल आयोजन
बरबीघा:
रविवार को जीआईपी विद्यालय में रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित महाकाव्य रश्मिरथी का पाठ छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में छात्रों ने महाभारत के प्रसंगों को जीवंत कर दिया। निर्णायक की भूमिका में संजय कुमार, मनोज कुमार, गौरी शंकर सिंह और धनराज प्रसाद रहे।
कार्यक्रम का निर्देशन पाण्डेय जी ने किया, जिनके मार्गदर्शन में छात्रों ने इस काव्य पाठ को सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया। पाठ के दौरान छात्रों ने रश्मिरथी के प्रसिद्ध अंश को सुनाया, जिसमें दुर्योधन और भगवान कृष्ण के बीच संवाद को बखूबी दर्शाया गया।
"दो न्याय अगर तो आधा दो,
पर इसमें भी यदि बाधा हो
तो दे दो केवल पांच ग्राम
रखो अपनी धरती तमाम।
हम वही खुशी से खा लेंगे,
परिजन पर असी ना उठाएंगे।"
इसके साथ ही, भगवान कृष्ण के विराट रूप का वर्णन करते हुए छात्रों ने महाभारत के उस दृश्य को जीवंत कर दिया, जब कृष्ण ने दुर्योधन को अपना विश्वरूप दिखाया था।

"हरि ने भीषण हुंकार किया,
अपना स्वरूप विस्तार किया।
डगमग डगमग दिग्गज डोले,
भगवान कुपित हो कर बोले।
जंजीर बढ़ाकर साध मुझे,
हां हां दुर्योधन बांध मुझे।"
संजय कुमार ने कहा कि छात्रों ने इस पाठ को इतनी खूबसूरती से प्रस्तुत किया कि सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इस प्रस्तुति के लिए सभी छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी है। यह कार्यक्रम न केवल साहित्यिक रुचि को बढ़ाने में सफल रहा, बल्कि छात्रों के अभिनय कौशल को भी उजागर किया।




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