• Friday, 22 November 2024
दर्दनाक: बीमार भेंड का आदिम कालीन उपाय से इलाज 

दर्दनाक: बीमार भेंड का आदिम कालीन उपाय से इलाज 

DSKSITI - Small

दर्दनाक: बीमार भेंड का आदिम कालीन उपाय से इलाज

 शेखपुरा
पशुपालन को लेकर राज्य सरकार के द्वारा पशुपालकों को जागरूक करने और पशुओं के इलाज को लेकर लगातार अभियान चलाया जाता है परंतु भेड़ पालने वाले पशुपालक आज भी अंधविश्वास की चपेट में आकर आदिम कालीन उपाय से बीमार पशुओं का इलाज करते हैं।
भेड़ पालक के द्वारा भेड़ के बीमार होने पर लोहे की राड को गर्म कर उसके पेट को दाग कर प्लस का निशान बनाया जाता है। मान्यता है कि इसी से बीमार भेड़ ठीक हो जाते है । ऐसा ही नजारा शेखपुरा में देखने को मिला। बरबीघा प्रखंड के दरियाचक गांव निवासी भेड़ पालक प्रमोद पाल ने बताया कि कई भेड़ बीमार हो गए हैं। निमोनिया जैसी बीमारी हो गई है। इस तरह की बीमारी फैलने पर हम लोग लोहे को गर्म कर पेट पर दाग देते हैं जिससे पशु ठीक हो जाते है। हम लोग के पुरखों के द्वारा भी इसी तरह से बीमार पशुओं का इलाज किया जाता था।

भेड़ पालन में अब नहीं रहा फायदा

DSKSITI - Large

भेड़ पालक प्रमोद ने बताया कि भेड़ काे पालना अब फायदे का कारोबार नहीं रहा। 100 भेड़ वे पाल रहे हैं परंतु परिवार की परवरिश भी ठीक से नहीं होती। बताया कि कई लोग बटाईदारी पर भेड़ का पालन करते हैं। सबसे बड़ी समस्या अब भेड़ के ऊन को लेकर हो गई है। इसके खरीदार अब नहीं रहे। पहले नवादा के पकरीबरामा में एक मशीन कारखाना था। जहां भेड़ के ऊन की बिक्री होती थी। वह भी बंद हो गया । ऐसे में हाथ से कंबल बनाने में 15 दिन से ऊपर लग जाता है परंतु छह सौ से लेकर सात सौ ही मिल पाते हैं जो कि बहुत कम है।
new

SRL

adarsh school

st marry school

Share News with your Friends

Comment / Reply From