फर्जी मीडिया कर्मी बनकर पंचायत रोजगार सेवकों से वसूली का नेटवर्क सक्रिय
फर्जी मीडिया कर्मी बनकर पंचायत रोजगार सेवकों से वसूली का नेटवर्क सक्रिय
शेखपुरा:
बिहार में फर्जी मीडिया कर्मियों का एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो पंचायत रोजगार सेवकों को ब्लैकमेल कर उनसे पैसे वसूल रहा है। यह गिरोह खुद को मीडिया कर्मियों बताकर मनरेगा योजना में कथित गड़बड़ियों की जांच के नाम पर पंचायत रोजगार सेवकों को धमकियां दे रहा है।
क्यूआर कोड से वसूली का नया तरीका
यह गिरोह वसूली के लिए तकनीकी साधनों का इस्तेमाल कर रहा है। फर्जी पत्रकार क्यूआर कोड भेजकर ऑनलाइन भुगतान की मांग करते हैं। अगर पंचायत रोजगार सेवक पैसा देने से इनकार करते हैं, तो उन्हें मनरेगा मजदूरों के फर्जी हाजिरी मामले में फंसाने की धमकी दी जाती है।
पटना से संचालित नेटवर्क
सूत्रों के अनुसार, इस नेटवर्क का मुख्य संचालन पटना से हो रहा है। गिरोह के सदस्य बिहार के कई जिलों में सक्रिय हैं और पंचायत रोजगार सेवकों को निशाना बना रहे हैं। यह नेटवर्क बड़े पैमाने पर ब्लैकमेलिंग और वसूली कर रहा है। गिरोह के सदस्य पंचायत रोजगार सेवकों को यह धमकी देते हैं कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए, तो उनकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की जाएगी। इस धमकी से डरकर कई पंचायत रोजगार सेवक चुपचाप पैसे देने को मजबूर हो जाते हैं।
बिहार के कई जिलों में सक्रिय
यह नेटवर्क बिहार के विभिन्न जिलों में सक्रिय है। हर जगह एक ही तरीका अपनाया जा रहा है—फर्जी मीडिया कर्मियों बनकर पंचायत रोजगार सेवकों से संपर्क करना, उन्हें डराना-धमकाना और पैसे वसूलना।पीड़ित पंचायत रोजगार सेवक अपनी पहचान उजागर होने के डर से इस विषय में खुलकर बात नहीं कर पा रहे हैं। ना ही इस मामले में पुलिस से कोई शिकायत की गई है। उनका कहना है कि अगर वे शिकायत करते हैं, तो उन्हें और अधिक प्रताड़ना झेलनी पड़ सकती है।
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