• Tuesday, 07 January 2025
124 वें जयंती पर श्रद्धा पूर्वक याद किए गए लाला बाबू, दूसरों के लिए जीना सिखाया

124 वें जयंती पर श्रद्धा पूर्वक याद किए गए लाला बाबू, दूसरों के लिए जीना सिखाया

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124 वें जयंती पर श्रद्धा पूर्वक याद किए गए लाला बाबू, दूसरों के लिए जीना सिखाया

 

बरबीघा, शेखपुरा

 

स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद कृष्ण मोहन प्यारे सिंह उर्फ लाला बाबू 124 वें जयंती पर श्रद्धा पूर्वक याद किए गए । उनके पैतृक गांव तेउस उच्च विद्यालय में भी समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें बाल विवाह इत्यादि को लेकर जागरूकता नाटिका का आयोजन किया गया। मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।

 

 

मुख्य समारोह का आयोजन बरबीघा के श्री कृष्णा राम रुचि कॉलेज में किया गया। इस समारोह में लाला बाबू के करीबी रहे माउर निवासी सुरमा सिंह के पुत्रों के द्वारा सुमित्रा सुरमा छात्रवृत्ति के माध्यम से मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भी प्रदान किया गया।

 

मुख्य अतिथि के रूप में शेखपुरा के एएसपी डॉक्टर राकेश कुमार, समाजवादी नेता शिव कुमार, पूर्व प्राचार्य डॉ रामविलास सिंह, प्रोफेसर सुधीर मोहन शर्मा, सुरमा बाबू के पुत्र शैलेंद्र सिंह इत्यादि ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया । मंच संचालन प्रोफेसर डॉक्टर वीरेंद्र पांडे ने की। अतिथियों का स्वागत प्रभारी प्राचार्य राज मनोहर प्रसाद ने किया। 

 

इस अवसर पर अपने संबोधन में शिव कुमार ने लाला बाबू को याद करते हुए बचपन से ही उनके सानिध्य में जन सेवा सीखने की बात को दोहराया और कहा कि लाला बाबू बरबीघा के पहले विधायक रहे परंतु श्री बाबू के लिए स्वेच्छा से बरबीघा की सीट छोड़ दी और टिकट लेने से इनकार करते हुए श्री बाबू को विजई बनाकर विधानसभा भेजें और वह मुख्यमंत्री पद को फिर से सुशोभित किया।

 

  लाला बाबू बैगर जातीय भेदभाव के अपने वेतन और पेंशन की सारी राशि गरीब और मेधावी छात्रों की पढ़ाई पर खर्च कर देते थे। 

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बिहार से बाहर भी पढ़ने वाले छात्रों को मनी ऑर्डर से पैसा भेजते थे । लाला बाबू अपनी संपत्ति अपने भाई को दान दे दी। अपने लिए कुछ भी बचा कर नहीं रखा और शिक्षा का अलख जगाया। कहा कि कमजोर आदमी के साथ खड़ा होना उनसे ही सीखा।

 

 शेखपुरा सहित लखीसराय, मुंगेर, जमुई इत्यादि जिले में कई बड़े शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना करवाई । बरबीघा में कई शैक्षणिक संस्थान उनकी कृति है। बरबीघा का श्री कृष्ण राम रुचि कॉलेज, बरबीघा उच्च विद्यालय उनके साहस से ही खड़ा हुआ।

 

 डॉ राकेश कुमार ने कॉलेज को सजाने संवारने में जन सहयोग की अपील की। इस समारोह में कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। मुख्य अतिथि के द्वारा सुमित्रा सुरमा पुरस्कार छात्रवृत्ति के लिए चयनित 10 छात्र-छात्राओं को पांच पांच हजार रुपए प्रदान किए गए। 

 

इस अवसर पर सुमित्रा सुरमा छात्रवृति को नियमित रूप से देने की घोषणा सुरमा सिंह के पौत्र ज्ञानी कुमार ने किया। मौके पर सत्येंद्र शर्मा, राहुल कुमार, संतोष कुमार के साथ-साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की भागीदारी रही।

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