
Exclusive: कृषि इनपुट का सच: गेहूं का आवेदन किये जा रहे है रद, अधिकारी की मनमानी

शेखपुरा
बिहार सरकार के द्वारा किसानों के सहायता और उसके फसल के नुकसान की थोड़ी बहुत भरपाई को लेकर अनुदान की व्यवस्था की जाती है। परंतु शेखपुरा जिला के कृषि विभाग के पदाधिकारी और कर्मियों की लापरवाही जगजाहिर है।
इससे यहां के किसानों को लगातार नुकसान उठाना पड़ा है। इस बार गेहूं के नुकसान को लेकर अनुदान की व्यवस्था की गई। पहली बार 30% ही नुकसान का आकलन कर भेजा गया ।
राजनीतिक पहल पर जब सांसद चन्दन कुमार, जदयू जिला अध्यक्ष अंजनी कुमार, लोजपा नेता मधुकर कुमार इत्यादि जिलाधिकारी से मिलकर इस पर पहल की तो दूसरी बार भी अनुदान के लिए आवेदन ऑनलाइन लिया जाने लगा। परंतु ऑनलाइन आवेदन का हाल बेहद खराब है । गेहूं का आवेदन को रद कर दिया जा रहा है। और कुछ को पेंडिंग में रखा जा रहा है । इसके लिए कोई क्राइटेरिया निर्धारित नहीं है। इसकी वजह से किसानों में आक्रोश देखा जा रहा।
क्या कहते है आंकड़े
6 मई तक के आंकड़े के अनुसार जिले में 28557 आवेदन किसानों के द्वारा दिया गया। जिसमें 12430 आवेदन को स्वीकृत किये गए।11650 आवेदन को अस्वीकृत कर दिए गए। साथ ही 4442 आवेदन को लंबित रखें गए है।
आवेदन को स्वीकृत करने का काम प्रखंड के कृषि समन्वयक के द्वारा किया जा रहा है। कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार सहित अधिकारियों के द्वारा आवेदनों को रद किए जाने के मापदंड का कोई निर्धारण नहीं है। जिले में सबसे अधिक आवेदन शेखोपुरसराय के निमी पंचायत से 921 लोगों ने आवेदन दिए। दूसरे नंबर पर अंबारी पंचायत में 915 लोगों ने अनुदान के लिए आवेदन दिए। जबकि अरियरी से एफनी से 897 लोगों ने आवेदन किये।
पूरे पंचायत में केवल 50 स्वीकृत
बरुणा पंचायत में 640 लोगों ने आवेदन दिए जिसमें 380 आवेदन रद किये गए। मालदह पंचायत का हाल और भी खराब है। यहां 603 लोगों ने आवेदन थे जिसमें 418 आवेदन रद हुए। कुटौत पंचायत में 578 में 316 आवेदन रद हुए। सामस खुर्द पंचायत में 408 आवेदन दिया गया जिसमें 50 स्वीकृति और 268 आवेदन रद हुए।

कोसरा पंचायत में 470 आवेदन दिया गया जिसमें 305 आवेदन रद हुए। मेहुस पंचायत में 780 आवेदनों में 479 आवेदन स्वीकृत और 175 रद हुए।
हो रही है मनमानी
ओनमा का हाल और खराब है। यहाँ 792 आवेदन किसानों ने दिए। मात्र 101 आवेदन स्वीकृत हुए। 579 आवेदन रद किये गए। पाची में 515 किसानों ने आवेदन दिए जिसने मात्र 41 स्वीकृत हुए। जिला कृषि अधिकारी कहते हैं कि एक ही परिवार से कई लोगों के द्वारा आवेदन दे दिए जाने की वजह से आवेदन रद्द किए जा रहे हैं। हालांकि किसानों के द्वारा कृषि समन्वयक और अधिकारियों पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाए जा रहे है।
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