• Sunday, 12 May 2024
हास्य व्यंग्य: बहन सूपनखा की नाक नगेंदर ने ही काटी

हास्य व्यंग्य: बहन सूपनखा की नाक नगेंदर ने ही काटी

DSKSITI - Small
हास्य व्यंग्य
जमुनालाल विश्वविद्यालय शोधार्थियों के लिए कुख्यात है। एक दिन कक्ष में शिक्षा विभाग के निदेशक आए। उन्होंने सवाल किया। बताओ, सूपनखा की नाक किसने काटी? सबको सांप सूंघ गया। तभी कामरेड कनखैया बोला। सर, यह काम नगेंदर ही कर सकता है। वहीं हमेशा जेब में तलवार लिए घूमता है। फिर उसके समर्थन में कक्षा का सबसे मरियल सा दिखने वाला पढ़ाकू अरमिंद भी हाथ खड़ा कर दिया।
बिलकुल सर, मैने अपनी आँखों से देखा। बहन सूपनखा कि नाक नगेंदर ने ही काटी है। इसी बीच अगली बेंच पर हमेशा गुमसुम बैठने वाले शोधार्थी राउल भी खड़ा हुआ। सर, यह सूपनखा कौन है? सभी लोग ठठा कर हंसने लगे।
तभी उटंग पैजामा और सर पर टोपी पहने उरम भी उठा और बोला। यह असहिष्णुता है। सूपनखा जैसी अबला बहन की नाक काट दी गई। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है। दमितों से अन्याय। जय भीम।
साहब के चेहरे पर असमंजस और अज्ञानता का मिलाजुला भाव आया। चौंक गए। अरे, ऐसी दुर्दशा और उनको पता भी नहीं। फिर उन्होंने वर्ग शिक्षक की तरफ नजरें उठाईं तो शिक्षक महोदय भी हड़बड़ा गए। बोले, जी हाँ सर, जी हाँ सर। बच्चे सही कह रहे हैं, कक्षा में यही सबसे बदमाश है। इसने ही किया होगा।
इस पूरे मसले की शिकायत करने के लिए पदाधिकारी महोदय डीन के पास पहुंचे।ओमेसी नाम था उनका।सारी बात चपरासी ने चुपके से उन्हें पहले ही बता दी थी। बोले माफ़ करिए सर। नगेंदर ही ऐसा करता है। नाक काटने में वह बहुत माहिर है। अगले दिन अधिकारी महोदय ने मीडिया ब्रीफिंग की। देश में असहिष्णुता का माहौल है, नारी अस्मिता, स्वाभिमान को खतरा है। अगले दिन आंदोलन शुरू हो गया। लोग हाथ में तख्ती लेकर जुटे। कुछ मीडिया चैनल लाइव प्रसारण करने लगे।
उधर, नगेंदर अपने सहपाठियों की सभा को संबोधित कर रहा था। भाइयों एवं बहनों । जब भी राष्ट्र और धर्म के नाक में कोई ऊंगली करेगा। उसकी नाक काट दी जाएगी। राष्ट्रवाद और धर्म हमारी अस्मिता और सह अस्तित्व है। सभी लोग तालियां पीट रहे थे।
DSKSITI - Large

वरिष्ठ पत्रकार अरुण साथी के ब्लॉग चौथाखंभा (chouthaakhambha.blogspot.com) से साभार
new

SRL

adarsh school

st marry school

Share News with your Friends

Comment / Reply From