अरबों रुपए के मस्जिद की जमीन को जालसाजी से बेचने का खुलासा
अरबों रुपए के मस्जिद की जमीन को जालसाजी से बेचने का खुलासा
शेखपुरा
शेखपुरा शहरी क्षेत्र की जमीन लाखों रुपए प्रति डिसमिल के हिसाब से बिक रही है । ऐसे में यदि अरबों रुपए के मस्जिद के जमीन को जालसाजी कर बेच देने का मामला सामने आए तो इसमें चौंकने की बात नहीं है। जमीन के धंधेबाज पैसे के लोभ में यह कर रहे हैं और इसका भी खुलासा हो गया है।
दरअसल यह पूरा मामला शेखपुरा नगर परिषद क्षेत्र में सैयद हबीब मस्जिद लालबाग से जुड़ा हुआ है। इस लालबाग के मस्जिद के नाम भूस्वामी सैयद सिराज उल हक मुख्तार ने 2 अक्टूबर 1975 को कमासी, अहियापुर बुधौली मौजा में 20 दशमलव 70 एकड़ कृषि भूमि को दान में दे दिया।
उनका उद्देश्य मस्जिद के देखभाल और उसके विकास से जुड़ा हुआ था। मस्जिद के नाम जमीन दान में देने के बाद सैयद सिराज उल हक ने इसके लिए बटाईदार के रूप में सीताराम यादव को नियुक्त किया और जमीन के उपज का आधा हिस्सा मस्जिद में देने की बात लिख दी । फिर जब उनका निधन हो गया तो इसमें जमीन बेचने का खेला शुरू हो गया।
इस पूरे मामले में सैयद शमीम अहमद, सैयद नसीम अहमद और अकील अहमद ने स्वयं को दिवंगत सिराजुल हक का भतीजा बताकर जमीन के ग्राहक खोजें और सीताराम यादव को मेल में लेकर मस्जिद में दान दिए गए सारे जमीन को 72 लोगों के नाम से बेच दिया ।
अब इस पूरे जमीन के बिक्री के मामले में मामला कोर्ट में चला गया। इस फर्जीवाड़े में 1979 से लेकर 2020 तक मुंगेर जिला न्यायालय से लेकर पटना जिला न्यायालय तक चलता रहा और फिर सर्वोच्च न्यायालय तक भी मामला चला गया ।
तीनों न्यायालयों में दिवंगत दानदाता सैयद सिराज उल हक मुख्तार के वसीयत को सही माना और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर मस्जिद के सचिव ने स्थानीय अपर समाहर्ता के अदालत में फर्जी तरीके से बेची गई भूमि की जमाबंदी निरस्त करने का बाद दायर कर दिया।
इस बाद के आधार पर अपर समाहर्ता के द्वारा 72 लोगों को नोटिस भेजा है जिसमें फर्जी से जमीन खरीदने की बात कही गई है। अब इस पूरे मामले में हड़कंप मचा हुआ है। जमीनों पर मकान भी बने हुए हैं और इसकी नगर में पूरी चर्चा भी हो रही है। मस्जिद के इस पूरी जमीन के बिक्री के फर्जीवाड़े में नगर में हलचल मचा दी है।
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