
नेता त उ प्रजाति हे जे देश के रसातल में जइते देख के भी मुहँ नय चोरबे हे। ई कोरोना के की औकात

अमित कुमार/मगही व्यंग्य
आय जबकि समुच्चा देश कोरोना से डराल-सहमल हे, फुलटून बाबू उघारे देह घूम रहला हें। नय फेस पे कोई मास्क हे, नय कोई सैनिटाइजर। हैरान परेशान मास्क में मुहँ छूपायले पूछलूं, अपने के डर नय लगो हन? ढेर नेता घोलट गेलखुन। मोदी जी के शक्ति भी बीजेपी के कार्यालय नय बचा पयलखुन।


अउ त आउ मुख्यमंत्री जी अप्पन निवास छोड़ के दोसर जगह चल गेलखुन। तोरा प्राण नय प्यारा हो फुलटून? फुलटून दा बोलला, अगर नेता मुहँ छुपावे लगतै त नेता कौन बात के। विधानसभा नजदीक हे। वोट बनावे और वोट काटे के समय मे मुहँ छुपा लेम त खेला कैसे होत? नेता त उहे प्रजाति हे जे देश के रसातल में जइते देख के भी मुहँ नय चोरबे है। ई कॅरोना की औकात है।
फुलटून बाबू के निर्भीकता पार्टी में चर्चा के विषय हे। जहां पार्टी में वर्चुअल रैली बदस्तुर जारी है, तइयो महामहिम के फुलटून जैसन कार्यकर्ता के जरूरत है। बड़ बड़ नेता सब वर्चुअल, अप्पन फुलटून एकदम ओरिजिनल। जनता से फेस टू फेस बिना मास्क के। फुलटून बाबू के पूछ बढ़ गेल हें। फुलटून बाबू के रैली बढ़ गेल हें। आयकल त आरसीटी जी अउ छलन बाबू जैसन बेस नेता के फोन आवे लगल हें।

आईसीएमआर के वैज्ञानिक बोलो हखिन की फुलटून के खून कुछ विशेष हे। इनखर मोटी चमड़ी के नीचे छुप्पल डीएनए खास है। फुलटून के खून के प्लाज्मा पर देशवासी के प्राण टिक्कल हे। वैज्ञानिक के कहना है की फुलटून के खून से वैक्सीन बनतो। लेकिन सरबा एक फुलटून सिंह केकरा केकरा बचावे। देश के बचावे, कि जनता के बचावे कि नेता के बचावे। आय फुलटून के खून के पूरा देश प्यासल हे। जनता से बेसी नेता प्यासल हे।
खून के मांग बढ़ला से फुलटून सिंह अपन कन्याय के अंचरा तर नुकाल हका। डोनाल्ड ट्रम्प जी भारत के धमकी दे देलखिन हें कि अगर अमेरिकन के फुलटून के खून नय मिलतो त अंजाम भुगत लिहा। हम कह्लूं कि हम्मर दवाई पर जान टिकल हको अउ हमरे धमकी! ट्रम्प साहेब, फुलटून के प्लाज्मा से हर अमेरिकन के खून में एक भारतीय फुलटून त घुसा देभो लेकिन ई बताहो कि सुईया बाह्न में देभो कि कमर में??
फुलटून बाबू के धमकी माओवादी के तरफ से भी मिले लगल हें। माओवादी के नेता के जिन शिंग फोन करके लताड़ देलखिन की माओ अउ कॅरोना भाई भाई हे।कॅरोना के दुश्मन चीन के दुश्मन हे। कॅरोना के बिना चीन के कि अस्तित्व हे।
इन्ने फुलटून के कन्याय के बयान आ गेलो हैं। बोलो हखुन, “ई जिनगी भर हम्मर खून पिलखुन हें। इनखर खून से त कॅरोना के मरना तय हलो।”
भौजाई को पता नय है कि ई बयान केतना के दीवाना बना देत!!
(लेखक नालंदा जिले के सरमेरा थाना के परनामा गांव निवासी और पेशे से इंजीनियर है।)
व्यंग रचना लेखक के फेसबुक से साभार तथा कार्टून कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य के ट्विटर से साभार
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