• Friday, 22 November 2024
किताबों में होती है दुनिया बदलने की ताकत: जानिए किस नेता के पास था एशिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय

किताबों में होती है दुनिया बदलने की ताकत: जानिए किस नेता के पास था एशिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय

DSKSITI - Small

किताबों में होती है दुनिया बदलने की ताकत: जानिए किस नेता के पास था एशिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय

 

डॉ भावेश चंद्र पांडेय ( निरीक्षक मुंगेर विश्वविद्यालय)

 

पुस्तक दिवस: फुटकर विचार

(1)
आजदी के आंदोलन में और उसके बाद के नेताओं में किताबे पढ़ने का गजब शौक था। बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री बाबू की निजी किताबों से आज श्रीकृष्ण सेवा सदन नामक पुस्तकालय मुंगेर में बना है। कहते हैं यहाँ उनकी पढ़ी लगभग 20 हज़ार किताबें हैं।
डॉ आंबेडकर की निजी लाइब्रेरी में कोई 35 हज़ार किताबें थीं ।ऐसा बताया जाता है कि उनके पास उस समय एशिया का संभवतः सबसे बड़ा निजी पुस्तकालय था। डॉ आंबेकर रात रात भर किताबें पढ़ा करते।नेहरू, अम्बेडकर, श्री बाबू सरीखे नेता न सिर्फ किताबें पढ़ते बल्कि आदान प्रदान भी करते। शहीद भगत सिंह ने जेल में जो किताबें पढ़ी उनकी सूची मात्र जानकर भी अचंभा होता है। आजादी के आंदोलन में नेताओ और क्रांतिकारियों ने न जाने कितनी किताबें पढ़ी । जेल में किताबें लिखी भी गईं। नेहरू जी ने इंदिरा को जेल से जो पत्र लिखे वे बच्चों के लिए इतिहास की एक अच्छी किताब के रूप में संकलित हैं । उनकी आत्मकथा में जेल जीवन का अच्छा चित्रण है। गोखले, तिलक,नेहरू, गांधी, अम्बेडकर, राधाकृष्णन सरीखे लीगों ने कई किताबें लिखीं।
आज कितने नेता कितना पढ़ पाते हैं और कितना लिख पाते हैं यह जानना दिलचस्प होगा।

(2)
किताबों में दुनिया बदलने की ताकत होती है। प्रिंटिंग प्रेस को विज्ञान की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक माना गया है।
किताबों से हुक्मरानों को डर लगता है। इसलिए कई किताबें प्रतिबंधित होती रही हैं। प्रेमचंद जैसे लेखक को नाम बदलकर लिखना पड़ा है।

 

DSKSITI - Large

(3)
आजकल किताबें छापना आसान है, खरीदना भी आसान है। किंतु पढ़ना उतना आसान नहीं है।

(4)
क्या हम एक दूसरे को उपहार स्वरूप किताबें दे सकते हैं। बुके, शॉल,मेमेंटो की बजाय किताबें भेंट की जाँय तो कितना अच्छा!

आलेख फेसबुक से साभार

new

SRL

adarsh school

st marry school

Share News with your Friends

Comment / Reply From