• Wednesday, 08 May 2024
खतरनाक नाग को भी मारने से बचाते हैं बैरागी, पकड़कर छोड़ आते हैं गांव से बाहर

खतरनाक नाग को भी मारने से बचाते हैं बैरागी, पकड़कर छोड़ आते हैं गांव से बाहर

DSKSITI - Small

खतरनाक नाग को भी मारने से बचाते हैं बैरागी, पकड़कर छोड़ आते हैं गांव से बाहर 

 

शेखपुरा:

 

खतरनाक नाग को देखते ही लोगों के द्वारा मार दिया जाता है। परंतु ऐसे भी लोग हैं जो जानलेवा खतरनाक नाग के प्राण की रक्षा करते हैं और उसकी जान को बचाकर गांव से बाहर दूर खेत में अथवा जंगल में उसे छोड़ आते हैं। ऐसा ही एक मामला शेखपुरा जिले के चेवाड़ा प्रखंड अंतर्गत गडुआ गांव में सामने आया।

 

 

शनिवार को एक गड्ढे में बड़ा सा नाग बच्चों ने देखा। गांव के लोगों ने उसे मारने की तैयारी कर ली। गेहूअन नाग बहुत ही पुराना और जहरीला था। गांव के लोग नाग को मारने की तैयारी में लाठी और भाले की जुगाड़ कर रहे थे । इसी बीच गांव में अपनी बेटी के यहां रह रहे आनंदी सिंह बैरागी को इसकी जानकारी मिली तो वे आनन-फानन में दौड़कर आए और नाग को मारने से रोक दिया। कई लोगों के द्वारा इसका विरोध भी किया गया परंतु उन्होंने लोगों के प्रतिरोध को झेलते हुए नाग की रक्षा की । उसे मारने नहीं दिया। इतना ही नहीं एक बाल्टी के सहारे कुआं से नाग को निकाले और फिर उसे सावधानी से बाल्टी में ही रख कर दूर जाकर खेत और बगीचा में छोड़ दिया।

 

 

DSKSITI - Large

दरअसल आनंदी सिंह बैरागी के द्वारा एक दर्जन से अधिक नागों की अब तक प्राण बचाई गई है। वह नवादा जिला के हिसुआ थाना अंतर्गत खनवां गांव के निवासी हैं। कई सालों से यहां अपने बेटी के यहां रह रहे हैं।

 

आनंदी सिंह बैरागी ने बताया कि पशु पक्षी और कोई भी जीव ईश्वर की संतान है और उसके प्राण नहीं लेनी चाहिए। उसकी प्राण रक्षा करना भी एक बड़ा धर्म है । इसी सिद्धांत को मानते हुए हुए जानलेवा और खतरनाक सांप की वे रक्षा करते हैं। अब तक एक दर्जन जहरीले नाग की रक्षा कर उसे बागीचा और जंगल में उन्होंने छोड़ा है। उनको जब भी जानकारी होती है तो नाग को मारने नहीं देते हैं। वह किसी तरह सांप को पकड़ने की कला नहीं जानते हैं परंतु किसी जुगाड़ से सांप को पकड़कर हुए बाहर ले जाकर उसको छोड़ देते हैं। उधर, जहरीले नाग के प्राण रक्षा करने वाले बैरागी की चर्चा खूब हो रही है।

new

SRL

adarsh school

st marry school

Share News with your Friends

Comment / Reply From