
बिहार के गाँव के सरकारी स्कूल में अब AI, रोबो, ड्रोन की पढ़ाई, गजब

बिहार के गाँव के सरकारी स्कूल में अब AI, रोबो, ड्रोन की पढ़ाई, गजब
शेखपुरा
दुनिया अभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए आई) कृत्रिम बुद्धिमत्ता को लेकर नई रणनीति बना रही है। इसमें भारत की तरफ दुनिया की निगाहें हैं । ऐसे में बिहार के सुदूर टाल के ग्रामीण क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल के बच्चे यदि कृत्रिम बुद्धिमत्ता की पढ़ाई करने लगे तो यह आश्चर्यजनक जैसा लगेगा ।
उसी के साथ-साथ रोबोटिक और ड्रोन की पढ़ाई भी हो तो क्या कहना।
दरअसल ऐसा बिहार के शेखपुरा जिले के घाट कुसुंभा प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय गगौर में हो रहा है । गगौर गांव के इस उच्च विद्यालय में रोबोटिक लैब बनाया गया है।
6 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने प्रगति यात्रा के दौरान इसका शुभारंभ किया था। अब इस रोबोटिक लैब में सरकारी स्कूल के बच्चे सभी आधुनिक विज्ञान से जुड़े विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं ।
इसको लेकर छात्र वैष्णवी और काजल इत्यादि ने बताया कि इस रोबोटिक लैब में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में जानकारी दी जा रही है। यहां टैबलेट भी दिया गया है जिसके माध्यम से भी पढ़ाई हो रही है । जबकि यह भी बताया कि छोटे-छोटे यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं जिसके माध्यम से रोबोट कैसे काम करता है इसकी पढ़ाई हो रही है। प्रयोग करके हमलोग पढाई कर रहे है।
वहीं ड्रोन भी दिया गया है जिसे संचालित करने के लिए भी पढ़ाई जा रहा है और यह काम कैसे करता है इसकी भी पढ़ाई हो रही है।

इस पढ़ाई को लेकर स्कूल के विज्ञान के शिक्षक शरद कुमार को प्रशिक्षित किया गया है।
वे अपने प्रयास से आधुनिक तरीके से छोटा लाउडस्पीकर और माइक लेकर कक्षा में पढ़ाते दिखाई दिए । उन्होंने बताया कि यह काफी अति आधुनिक पढ़ाई ग्रामीण क्षेत्र में शुरू की गई है। बच्चों को एआई के बारे में पढ़ाया जाता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता कैसे काम करती है। कैसे हम उसको संदेश देते हैं तो उसका परिणाम बहुत ही सटीक रूप से सामने आता है। इसे भी पढ़ाया जा रहा है। ई लर्निंग के लिए दो दर्जन टेबलेट उपलब्ध कराया गया है। जिससे बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं । साथी बताया कि छोटे-छोटे संयंत्र रूपी रोबोट भी दिया गया है। जिसे बैटरी और रिमोट के माध्यम से संचालित किया जाता है। बच्चे इसकी पढ़ाई कर रहे हैं। जिससे अब यहां से निकलने के बाद बच्चों को नई तकनीक के बारे में पूरी जानकारी हो जाएगी। यह भी बताया कि यहां एक एस्ट्रो लैब भी बनाया गया है जहाँ तारामंडल के बारे में विस्तृत प्रयोग करके बच्चों को पढ़ाया जाता है। यहां एक आधुनिक दूरबीन भी लगाया गया है।
वहीं ग्रामीण गुलशन कुमार ने बताया कि सुदूर गांव में इस तरह की अति आधुनिक पढ़ाई की व्यवस्था से गांव में खुशी है । अब दूर शहरों में भी ऐसी सुविधा अभी उपलब्ध नहीं है जो उनके गांव के सरकारी स्कूल में उपलब्ध हो गया है।
वहीं प्रधानाध्यापक शिव कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों को भी इसमें काफी रुचि होती है। वे रोबोटिक लैब में पढ़ने के लिए काफी उत्सुक दिखाई देते हैं।
बताया जाता है कि यह पूरी परिकल्पना जिला अधिकारी अरिफ अहसन की है । इस संबंध में पूछे जाने पर जिला अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूल को निजी स्कूलों की प्रतिस्पर्धा से भी आगे ले जाने की यह प्रयास है। यहां के बच्चे अति आधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोट, ड्रोन इत्यादि की पढ़ाई कर आगे जायेंगे तो देश को एक वैज्ञानिक मिलेगा।




Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!