
भौंरा के हमले में एक किसान की ऐसे गई जान

भौंरा के हमले में एक किसान की ऐसे गई जान
शेखपुरा।
एक भौंरे के झुंड से बचने की कोशिश में एक 60 वर्षीय किसान की जान चली गई। यह दर्दनाक घटना जिले के अरियरी प्रखंड अंतर्गत कसार थाना क्षेत्र के एफनी गांव की है, जहां मधुमक्खियों से जान बचाने के प्रयास में किसान ने तालाब में छलांग लगा दी, लेकिन दुर्भाग्यवश वह बाहर नहीं निकल सके और डूबकर उनकी मौत हो गई।
मृतक की पहचान गांव निवासी भूषण प्रसाद (पिता – केशव महतो) के रूप में हुई है। वे दोपहर बाद से ही लापता थे। परिजनों द्वारा काफी खोजबीन के बाद उनका शव शुक्रवार को गांव के पूरब स्थित तालाब में तैरता मिला। ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला गया।
गांव के समाजसेवी व पूर्व मुखिया राजेश रंजन उर्फ गुरु जी ने बताया कि तालाब के पास जलापूर्ति केंद्र पर मधुमक्खियों (भौंरों) का एक बड़ा छत्ता बना हुआ है। मृतक किसान का खेत जलमीनार के बगल में ही था, जहां वे सब्जियों की देखभाल करने गए थे।
संभावना जताई जा रही है कि छत्ते से निकले भौंरों ने अचानक उन पर हमला कर दिया। जान बचाने के लिए वे दौड़े और घबराहट में तालाब में कूद पड़े, लेकिन गहराई अधिक होने के कारण डूब गए।

भूषण प्रसाद कुछ समय से पटना में अपने पुत्र के साथ रहते थे, जो फल विक्रेता हैं। हाल ही में वे गेहूं की फसल की कटाई और दौनी के लिए गांव लौटे थे। इस दुखद घटना से परिवार में कोहराम मच गया है, वहीं गांव में भी मातमी सन्नाटा पसरा है।
घटना की सूचना मिलते ही कसार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए शेखपुरा सदर अस्पताल भेज दिया।
सावधानी जरूरी: ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जलमीनार जैसे सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद मधुमक्खियों के छत्तों को जल्द से जल्द हटाया जाए, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।




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