• Monday, 01 September 2025
साँड़ की मौत पे मातम, ढोल-नगाड़े के साथ शव यात्रा, गंगा किनारे शवदाह..गज्जब!!

साँड़ की मौत पे मातम, ढोल-नगाड़े के साथ शव यात्रा, गंगा किनारे शवदाह..गज्जब!!

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अरियरी (शेखपुरा)

प्रखंड के बेलछी गांव में एक साँड़ नंदी महाराज की मौत हो जाने से ग्रामीण भावुक हो गए । साँड़ को हिन्दू रीति रिवाज से उसे नए कपड़े व पीताम्बरी तथा फूल माला से लाद दिया। उसके बाद ढोल बाजा तथा बोलबम के नारे लगाते हुए शवयात्रा निकाल कर पूरे गाँव में घुमा कर पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए गंगा के घाट पर ले जाया गया।

शवयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल

शवयात्रा में सैकड़ों महिला एवम पुरुष के साथ बच्चे उमड़ पड़े। लगभग 3 किलो मीटर लंबी दूरी गाजे बाजे और गगनभेदी नारों के साथ पूरा करने के बाद शवयात्रा में शामिल लोग गांव से बाहर खड़े फूलों से सजे वाहन में मृत साँड़ के शव को रखकर अंतिम विदाई दी।

ग्रामीण हुए शामिल

गाँव के सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर पासवान, शिवदनी यादव, दीपल यादव,रजु पासवान,योगी पासवान,नबल पासवान,धारो पासवान,लालन पासवान,युगल पासवान,वीरेंद्र पासवान सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से ये साँड़ बेलछी में रह रहा था।

गंगा किनारे शवदाह

विशेष वाहन से दर्जनों ग्रामीण मृत साँड़ के शव के साथ गंगा किनारे सिमरिया घाट , बेगूसराय ले जाकर दाह संस्कार किया गया। यह लोगों की आस्था ही थी जी एक सांढ की मौत पे गांव में मातम छा गया।

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