• Friday, 22 November 2024
अस्पताल में भौरा मधुमक्खी का है आतंक, एंबुलेंस ड्राइवर की किसी तरह बची जान

अस्पताल में भौरा मधुमक्खी का है आतंक, एंबुलेंस ड्राइवर की किसी तरह बची जान

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अस्पताल में भौरा मधुमक्खी का है आतंक, एंबुलेंस ड्राइवर की किसी तरह बची जान

शेखपुरा

भौरा मधुमक्खी के आतंक इन दिनों कई जगह पर देखने को मिल रहा है। भौरा मधुमक्खी साधारण मधुमक्खी से बड़े आकार की होती है और लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर काटती है । इसके काटने से लोगों की मौत भी हो जाती है। हाल ही में चेवाड़ा के एक गांव में एक बुजुर्ग की भौरा मधुमक्खी के काटने से मौत हो चुकी है। ऐसे में यदि सदर अस्पताल में ही भौरा मधुमक्खी का छत्ता लगा हुआ हो और उसके आतंक से लोग परेशान हो तो फिर क्या कहा जा सकता है।

सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के पास है छत्ता

शेखपुरा सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के पास भौरा मधुमक्खी का बड़ा छत्ता लगा हुआ है। बड़ा छत्ता होने की वजह से तेज हवा चलने अथवा किसी तरह की छेड़छाड़ होने पर भौरा मधुमक्खी भड़क जाती है और लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर काटती है ।

स्थानीय लोगों ने बताया कि 102 के एंबुलेंस के ड्राइवर को भी मधुमक्खी ने दौड़ा-दौड़ा कर काटा। इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया । फिर स्लाइन कराने के बाद किसी तरह जान बची। बता रहे हैं कि अभी तक एक सौ से अधिक लोगों को भौरा मधुमक्खी ने काट लिया है और लोगों को भारी परेशानी हो रही है । सदर अस्पताल में मधुमक्खी के छत्ते से बड़ा खतरा कभी भी हो सकता है। इसके निदान का कोई उपाय लोगों को समझ में नहीं आ रहा है। वहीं अस्पताल प्रशासन भी इस दिशा में मौन धारण किए हुए हैं और इस पर कोई पहल नहीं हो रही। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इसमें कुछ नहीं किया जा सकता है।

मधु निकालने वाले लोगों को बुलाने की जरूरत है

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उधर, इस संबंध में जानकार बताते हैं कि इस मधुमक्खी से छुटकारे का उपाय बहुत ही साधारण है। कई ऐसे लोग होते हैं जो मधुमक्खी के छत्ते से मधु निकालने का काम करते हैं। मधु निकालने वाले ऐसे ही लोगों से संपर्क करके इससे छुटकारा पाया जा सकता है । ताकि मरीजों को भविष्य में कोई बड़ी परेशानी नहीं हो।

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