• Saturday, 20 April 2024
 पुलिस शराब अड्डे से कर रही थी पकड़ो- छोड़ो का खेल, गिरी गाज 

 पुलिस शराब अड्डे से कर रही थी पकड़ो- छोड़ो का खेल, गिरी गाज 

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पुलिस शराब अड्डे से कर रही थी पकड़ो- छोड़ो का खेल, गिरी गाज

बरबीघा, शेखपुरा
शेखपुरा जिले के बरबीघा पुलिस इन दिनों चर्चा में है। चर्चा का विषय शहर में इस बात को लेकर है कि नारायणपुर देसी शराब का बड़ा अड्डा है। यहां कई घरों में देसी शराब बनाने और बेचने का कारोबार होता है। यहां से देसी शराब बनाकर थोक भाव में बेचने का भी कारोबार होता है। वहीं थाना से कुछ ही दूरी पर इसका संचालन होता है। जबकि यहां पुलिस की छापेमारी की औपचारिकता भी होने लगी थी। इसी औपचारिकता में लगातार पुलिस के द्वारा आधा दर्जन शराब के कारोबारियों को पकड़ कर थाना लाया जाता रात भर रखा जाता और सुबह में मैनेज के खेल करके छोड़ दिया जाता। जो मैनेज नहीं हो पाता उसे जेल भेज दिया जाता।

आधा दर्जन लोगों को पकड़ा गया

इसी मामले में लगातार इस तरह की कार्रवाई हो रही थी । 5 अक्टूबर को भी आधा दर्जन लोगों को पकड़ा गया और मैनेज करने के बाद 4 लोगों को छोड़ दिया गया। इसी तरह का एक मामला शनिवार की रात्रि में भी सामने आया। 5 लोगों को देसी शराब के अड्डे से पकड़ा गया। परंतु 2 को ही जेल भेजा गया। बाकी तीन लोगों को मैनेज करके छोड़ दिया गया। उधर, इस बात की सूचना पुलिस अधीक्षक को मिलने के बाद इस खेल में एक मोहरा पुलिस पदाधिकारी एसआई सुनील सिंह को पुलिस कप्तान ने लाइन हाजिर कर दिया है। इस संबंध में पुलिस कप्तान ने बताया कि इस बात की शिकायत उनको भी मिली थी। इस तरह के कार्यवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी तरह की भनक लोगों से मिलेगी तो पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उधर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कल्याण आनंद ने भी कहा कि उनके पास आम लोगों के द्वारा इस तरह की सूचना मिली थी। जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस अधीक्षक को दी जिसके बाद इस तरह की कार्रवाई हुई है। शराब के मामले में पुलिस की संलिप्तता सामने आने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
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थाना में मैनेज करने के लिए अलग है हाजत की व्यवस्था

बरबीघा थाना में मैनेज करने के लिए अलग से हाजत की व्यवस्था की गई है। इसी कक्ष में पकड़ कर लाए गए लोगों को रखा जाता है। मैनेज करने के बाद इसका उसे छोड़ दिया जाता है। पकड़े गए लोगों को हाजत में नहीं रखा जाता है। दरअसल बरबीघा थाना में पूछताछ कक्ष को ही कैदियों को रखने का कक्ष बना दिया गया है और जिसे मैनेज करने की बात होती है। उसे इसी कक्ष में रखा जाता है।
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