
शिक्षक हड़ताल: नहीं मान रही सरकार – सपरिवार धरने पर बैठे शिक्षक

शेखपुरा।
शिक्षकों का हड़ताल लगातार जारी है उधर हड़ताल का असर सरकार पर होता दिखाई नहीं दे रहा और हड़ताली शिक्षकों का साथ देने के लिए उनके परिवार के लोग भी धरना पर बैठ गए।


गुरुवार को शिक्षक संघ ने को परिजनों के साथ धरना दिया। शिक्षको ने यह धरना समाहरणालय के सामने दी। शिक्षक समान काम का समान वेतन और प्रशिक्षित शिक्षक के रूप में सेवा शर्त में सुधार की मांग कर रहे है। धरना में शामिल शिक्षको ने हड़ताल के लिए सरकार को सीधे दोषी ठहराया है।. शिक्षक अपनी मांगो की पूर्ति तक हड़ताल पर डटे रहने की घोषणा की।

पूरे राज्य के भांति यहाँ के भी शिक्षक 17 फ़रवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हलाकि टीइटी संघ मैट्रिक परीक्षा के कारण हड़ताल का नैतिक समर्थन करते हुए काला बिल्ला लगाकर वीक्षण कार्य में शामिल हुए थे। शिक्षक हमेशा सरकार के कार्यो में लगे रहते हैं। परन्तु सरकार पूरी तरह संवेदनहीनता प्रदर्शित करने में लगी है. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय संघ ने सरकार को इस सम्बन्ध में कई बार आग्रह किया है। प्राप्त जानकारी में बताया गया है कि धरना में शामिल शिक्षको का एक प्रतिनिधिमंडल ने बाद में जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौपा। ज्ञापन मुख्य मंत्री के नाम सम्बोधित था। मांगो में पुराने पेंशन योजना लागु करने, पुराने शिक्षको के समान वेतन देने और सुविधा देते की मांग शामिल है।
हड़ताल के कारण हड़ताली शिक्षको पर शिक्षा विभाग द्वारा की गयी दंडात्मक कार्रवाई को भी वापस करने की मांग शामिल है। धरना में शामिल शिक्षको ने मांगो को लेकर सरकार से खुले दिल से वार्ता का भी आग्रह किया है। शिक्षको ने अपनी पीड़ा पदर्शित करते हुए बताया कि ये सभी अल्प वेतन भोगी है। उसके बाद भी शिक्षा का अलख जायगे हुए है। धरना में बैठे शिक्षको ने दावा किया कि इनका आन्दोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है। लोकतंत्रत में असहमति व्यक्त करना अधिकार है।



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