• Sunday, 08 September 2024
अपहरण या साजिश..? कमेटी के खेल में दुकानदार के अपहरण की पूरी कहानी

अपहरण या साजिश..? कमेटी के खेल में दुकानदार के अपहरण की पूरी कहानी

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अपहरण या साजिश : कमेटी के खेल में दुकानदार के अपहरण की पूरी कहानी 
 
बरबीघा, शेखपुरा  
 
शेखपुरा जिले के बरबीघा बाजार में दुकानदारों को कमेटी खेलने में बड़ा खेला होने की बात चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें प्रत्येक दिन एक हजार जमा जिस युवके यहां दुकानदार करते थे उस छोटू कुमार के अपहरण की कहानी अलग चर्चा का विषय बना हुआ है । बाजार में कथित तौर पर इस अपहरण  में खेला होने की चर्चा की जा रही है तो वहीं अपहरण कर्ता के रूप में शहर के प्रमुख थोक किराना दुकान रंजन किराना के संचालक  और उनके परिवार के लोगों को नामजद  किया लोगों को पच नहीं रहा है। 
 यह पूरी कहानी बरबीघा के नसीबचक मोहल्ला निवासी जयप्रकाश गुप्ता के पुत्र छोटू कुमार गुप्ता के अपहरण की प्राथमिकी से जुड़ा हुआ है । यह प्राथमिकी 15 जुलाई को कराई गई जिसमें  तीन जुलाई गायब होने क बात कही गई।
 
प्राथमिकी में जयप्रकाश गुप्ता ने आरोप लगाया है कि 3 जुलाई से उनका पुत्र लापता है। मोबाइल भी बंद है। खोजबीन में भी कुछ पता नहीं चल रहा है। अपहरण का आरोप रंजन किराना के नाम से प्रसिद्ध महेंद्र प्रसाद उनके पुत्र लल्लू कुमार,  बेचन साव, संजीत कुमार,मोनू कुमार इत्यादि पर लगाया गया है। 
 
उधर, घटना के सामने आने के बाद बरबीघा शहर में चर्चाओं का दौर भी तेज हो गया। इस मामले में नामजद शहर के प्रसिद्ध व्यवसायी महेंद्र प्रसाद की माने तो छोटू कुमार शहर के दुकानदारों से कमेटी खेलाने का काम करता था।
 
क्या होता है कमेटी जानिए
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जिसमें प्रत्येक दिन किसी कमेटी में  500 तो किसी में ₹1000 लेकर  एक आदमी के यहां जमा किया जाता है। महीना में एक बार ड्रा होने पर एक निश्चित मोटी राशि दुकानदार को एक बार में दिया जाता है। इसमें दुकानदारों को मोटी राशि मिल जाती है।  जो पहले पैसा लेता है उसे कम राशि मिलती है। जो बाद में लेता है उसे अधिक राशि मिलती है ।
 
बरबीघा में आधा दर्जन से अधिक कमेटी छोटू कुमार के द्वारा चलाया जा रहा था । इसमें कई दुकानदार फंस गए । छह माह से किसी को रुपये नहीं दिए गए। पीड़ित दुकानदारों की माने तो  50 लाख रुपये छोटू कुमार  विभिन्न दुकानदारों का लेकर गायब है।  उधर, इस मामले में छोटू के पिताजी जयप्रकाश गुप्ता ने अपने पुत्र के अपहरण की बात कही है और बताया कि इन लोगों के द्वारा सदा स्टांप पर भी उनके पुत्र से हस्ताक्षर ले लिया गया है। 
 
उनके पुत्र के अपहरण में कई बदमाश  का भी नाम शामिल है।  उधर इस गुत्थी में पुलिस भी उलझ गई है। स्थानीय थाना के प्रभारी बालमुकुंद राय ने बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।  छोटू कुमार कमेटी का पैसा लेकर गायब होने की बात कई दुकानदारों ने कही है। 
 
अभी इस पूरे मामले में एक नया मोड़ भी आ गया है। 3 जुलाई का ही रात्रि 10 बजे छोटू कुमार के सीसीटीवी का फुटेज भी सामने आया है। जिसमें गोला पर अपने दोस्त के साथ छोटू कुमार  दिखाई दिया है। 
 
अपहरण या साजिश के इस खेल में पुलिस किस भूमिका में सामने आती है, इसे अभी नहीं कहा जा सकता। परंतु इसमें दूध का दूध और पानी का पानी करना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबीत होगी। 
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