• Tuesday, 10 June 2025
अस्पताल निरीक्षण में डीएम को मिली गड़बड़ी तो कर दी है बड़ी कार्यवाई… कई के नौकरी पे खतरा..

अस्पताल निरीक्षण में डीएम को मिली गड़बड़ी तो कर दी है बड़ी कार्यवाई… कई के नौकरी पे खतरा..

stmarysbarbigha.edu.in/

शेखपुरा।

डीएम योगेन्द्र सिंह के द्वारा गुरुवार को रेफरल अस्पताल बरबीघा का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के बाद अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है अस्पताल के कर्मचारी से लेकर डॉक्टर तक सभी में खलबली देखी जा रही है डीएम के द्वारा निरीक्षण के बाद गुरुवार की शाम ही रिपोर्ट बनाकर मुंगेर कमिश्नर एवं बिहार सरकार के स्वास्थ्य सचिव को भेज दी है इस रिपोर्ट के वायरल होते ही स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई उधर इस रिपोर्ट के बाद अस्पताल में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।

सरकारी क्वार्टर पर दलाल का कब्जा

अस्पताल के सूत्रों की मानें तो अस्पताल में डिलीवरी के लिए आए महिलाओं को निजी क्लिनिक में ले जाने वाले दलालों को ही सरकारी क्वार्टर में जगह दे दी गई है और सरकारी क्वार्टर में ऐसे दलाल अनाधिकृत रूप में अपना बसेरा बना कर रहते हैं।

कौन कौन मिले गायब पूरी रिपोर्ट

डीएम के निरीक्षण के बाद जांच रिपोर्ट जारी करते हुए जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी ने मीडिया को बताया कि निरीक्षण में पाया गया कि उमेश पासवान, लिपिक-सह-प्रधान सहायक, अशोक कुमार लिपिक कार्यालय विलम्ब से आये और कृष्ण झा, रसोईया अनुपस्थित पाये गये। उपस्थिति पंजी माॅगने पर नहीं दिया गया। प्रधान सहायक उमेश पासवान एक घंटे के बाद उपस्थित हुये, और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने लगे एवं अनावश्यक दबाव बनाया गया। जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्सा प्रभारी को उनके विरूद्ध तत्काल कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

संगीता कुमार-सह-ए॰एन॰एम॰, श्रवण कुमार लेखापाल, संजू चंद्रा एवं संदीप भारती डाटा इन्ट्री आॅपरेटर अनाधिकृत रूप से कार्यालय से अनुपस्थित पाये गये। कुंदन कुमार वर्मा फर्मासिस्ट अवकाश पर है लेकिन कोई आवेदन नहीं था। इसको प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है। सत्रवीर कुमार, निर्भय कुमार, एवं शुक्र कुमार सभी डाटा इन्ट्री आॅपरेटर बिना सूचना के कार्यालय से अनुपस्थित थें।

डाॅ॰ राजेन्द्र प्रसाद प्रभारी पदाधिकारी मरीजों का ईलाज कर रहे थें लेकिन उपस्थिति पंजी में दर्ज नहीं था। डाॅ॰ राजेन्द्र प्रसाद, डाॅ॰ सुनिता कुमार, डाॅ॰ रविरंजन प्रसाद डाॅ॰ फैसल अरसद, डाॅ॰ नूर फातिमा एवं डाॅ॰ पुनीत हंस का भी उपस्थिति दर्ज नहीं था। डाॅ॰ का रोस्टर माॅगने पर नहीं दिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति ठीक से नहीं की गयी हैं। डाॅ॰ अनमोल कुमार 07 एवं 08 जनवरी को अनुपस्थित थें। लेकिन कोई आवेदन नहीं था। ज्वाला प्रसाद, रविन्द्र शर्मा, उमेश पासवान एवं अवधेश सिंह सभी गार्ड आज अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये। रोस्टर के अनुसार वे डयूटी नहीं करते है।

पूनम कुमार एवं श्वेता कुमार परिचायका 03 एवं 05 जनवरी को अवकाश पर थीं लेकि कोई आवेदन नहीं था। चिकित्सा पदाधिकारी को स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। डाॅ॰ उमेश पासवान काफी विलम्ब से आये उनका आधा दिन का मानदेय/वेतन काटने का आदेश दिया गया। सोनम देवी एवं मिनता देवी दोनों ममता निरीक्षण के समय अनुपस्थित पायी गयीं। पूछने पर बताया गया कि दोनों काफी विलम्ब से आती है। उपस्थिति पंजी भी अपने पास रखती है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि दोनों का 15 दिन का मानदेय कटौती करें। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित कर्मियों को चिंहित करते हुये दो दिनों के अंदर अनुपालन प्रतिवदेन दें।

निबंधन काॅन्टर पर संदीप भारती डाटा इन्ट्री आॅपरेटर के बदले सुरेश कुमारी चैधरी पर्चा काट रहे थें। जिसको जिलाधिकारी ने काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि यह घोर आपतिजनक एवं लापरवाही का द्योतक है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इस संबंध में स्पष्टीकरण माॅगा गया है। सिविल सर्जन को पूरे मामले का जाॅच करने के लिए कहा गया है। टीकाकरण कक्ष में तीन मरीज बैठे हुये थें। लेकिन कोई कर्मी उपस्थित नहीं थें। टीकाकरण कर्मी प्रतिदिन काफी विलम्ब से आते है। उनपर विधि सम्मत कार्रवाई करने के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया। वार्ड की स्थिति संतोषप्रद नहीं था। गंदगी का अम्बार लगा हुआ था। निरीक्षण के समय एक वार्ड में चार डिलेवरी के मरीज भर्ती थें। लेकिन सेवा के लिए कोई ए॰एन॰एम॰ एवं ममता नहीं थीं।

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कोल्ड चेन का रख-रखाव गुणवता के साथ नहीं किया जा रहा था। डीप फ्जिर में रखी दबाईयों को इससे प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पंजियों का भी ठीक से संधारण नहीं किया जा रहा है। इसके लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछा गया है।

निरीक्षण में पाया गया कि रेफरल अस्पताल की व्यवस्था ठीक नहीं है। कार्य व्यवस्थित ढंग से नहीं हो रहा है। इससे मरीजों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। पदाधिकारियों एवं कर्मियों को कार्यालय आने का कोई समयसीमा निश्चित नहीं है मनमाने तरीके से आते है और चले जाते है। इसके लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक दोनों को दोषी पाया गया है।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सभी अनुपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों पर कार्रवाई करते हुये अनुपालन प्रतिवेदन सिविल सर्जन के माध्यम से एक सप्ताह के अंदर देना सुनिश्चित करें। तब तक सभी अनुपस्थित/बिलम्ब से आने वाले डाॅक्टर एवं कर्मियों का वेतन/मानदेय बंद रहेगा।


सिविल सर्जन एव डी॰पी॰एम॰ द्वारा रेफरल अस्पताल बरबीधा का सही तरीके से पर्यवेक्षण एवं निगरानी नहीं किया जा रहा है जो अत्यंत खेदजनक एवं लापरवाही का द्योतक है। सभी विन्दुओं पर विस्तृत समीक्षा करते हुये सिविल सर्जन शेखपुरा से एक सप्ताह के अंदर जाॅच प्रतिवदेन एवं अनुपालन प्रतिवेदन माॅगा गया है।

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