• Friday, 22 November 2024
कन्या भ्रूण परीक्षण: अवैध अल्ट्रासाउंड संचालकों पर स्वास्थ्य विभाग की गिरी गाज, दो सील 

कन्या भ्रूण परीक्षण: अवैध अल्ट्रासाउंड संचालकों पर स्वास्थ्य विभाग की गिरी गाज, दो सील 

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कन्या भ्रूण परीक्षण: अवैध अल्ट्रासाउंड संचालकों पर स्वास्थ्य विभाग की गिरी गाज, दो सील

शेखपुरा
शेखपुरा जिले में कई अवैध अल्ट्रासाउंड का संचालन किया जा रहा है। ऐसे अवैध अल्ट्रासाउंड के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अब कड़ी कार्यवाही की जा रही है। इन अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड लोगों के द्वारा जहां चिकित्सक के नाम पर लाइसेंस तो ले लिया गया है परंतु वहां केवल कंपाउंडर के सहारे अल्ट्रासाउंड का काम किया जाता है । इतना ही नहीं कि मरीजों का अल्ट्रासाउंड हो रहा है इसका भी डाटा नहीं रखा जाता है। और कहा तो यह भी जाता है कि अल्ट्रासाउंड केंद्रों में धड़ल्ले से कन्या भ्रूण का परीक्षण भी किया जाता है। कन्या भ्रूण परीक्षण जिले के सभी अल्ट्रासाउंड में होता है और इसके लिए महिलाओं से मोटी रकम वसूली जाती है।

अल्ट्रासाउंड केंद्र केवल कन्या भ्रूण की जांच

इस बड़े नेटवर्क के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट हो गई है। इस पर सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र कुमार की नजर टेढ़ी हो गई है और उन्होंने बड़ी कार्रवाई करते हुए शनिवार को 2 अल्ट्रासाउंड   को सील कर दिया।  इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि दोनों अल्ट्रासाउंड की जांच की गई। दल्लू चौक और शेखपुरा नगर के दाल कुआं के पास संचालित अल्ट्रासाउंड में ना तो कोई चिकित्सक मिले और ना ही कोई रेडियोलॉजिस्ट ही था। उन्होंने बताया कि जिले के सभी अल्ट्रासाउंड केंद्र और जांच घर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम कड़ी नजर रखे हुए है और अवैध रूप से मनमाने ढंग से चल रहे अल्ट्रासाउंड और जांच घर के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा। शेखपुरा नगर परिषद और बरबीघा नगर परिषद में अल्ट्रासाउंड का संचालन हो रहा है। बता दें कि जिले के कई अल्ट्रासाउंड केंद्र का संचालन अवैध रूप से पूर्ण रुप से अवैध चल रहा है कई का लाइसेंस भी नहीं लिया गया है। कुछ अल्ट्रासाउंड केंद्र केवल कन्या भ्रूण की जांच करने और भ्रूण हत्या में शामिल होने का ही कारोबार कर रहा है।

अवैध जांच घर का धड़ल्ले से संचालन

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जिले में शेखपुरा नगर परिषद, बरबीघा नगर परिषद सहित कई प्रखंडों में अवैध रूप से जांच घर का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है। यहां भी मानक के अनुसार चिकित्सक नहीं रहते हैं और जैसे-तैसे जांच का काम किया जाता है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद ऐसी जांच घरों को बंद करने का सख्त निर्देश दिया गया था। कुछ दिनों तक ऐसे जांच घर बंद भी रहे। परंतु अब सभी जांच घर बेरोकटोक संचालित हैं।
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